Hindi, asked by dyhejejejsnjd, 8 months ago

मेरे जीवन की अविस्मरणीय घटना (पहाड़ों की यात्रा से संबंधित) निबंध

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Answered by parul4747
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हमारा जीवन एक नदी के समान हैं. इसमें उतार चढ़ाव आते रहते हैं. हमारे जीवन में घटित घटनाएं होती रहती हैं. कई घटनाएं ऐसी होती हैं. जो हमारे मानस पटल पर छायी रहती हैं. और जो भुलाएँ नहीं भूलती हैं. यहाँ एक ऐसी ही आँखों देखी घटना का वर्णन किया जा रहा हैं. जिसकों मैं कभी भूला नहीं पाउगा.

यात्रा का उद्देश्य व कार्यक्रम- दीपावली की छुट्टियों में मैं अपने मामा के घर अजमेर गया. सभी से मिला, प्रसन्नता हुई. आस पडोस और मामाजी के बच्चों के साथ खेलते हुए दिन कब बीत जाता है, इसका पता ही नहीं चलता हैं. एक दिन हम सभी ने पुष्कर नहाने की योजना बनाई. मामाजी से आज्ञा लेकर हम पांच जने बस द्वारा पुष्कर नहाने के लिए गये.

मनोरम प्रसंग- पुष्कर पहुचकर देखा कि वहां अपार भीड़ थी. ग्रामीण रंग बिरंगी पोशाके पहने आनन्द ले रहे थे. सरोवर घाट पर बच्चे, आदमी, औरतें सभी स्नान कर रहे थे. मैं भी अपने साथियों के साथ नहाने के लिए जल में घुसा, उसी समय मैंने देखा कि एक महिला ने पहले स्नान किया, फिर वह लगभग आठ वर्ष के अपने बालक को नहलाने लगी. बालक अपनी चंचलता के कारण अपनी माँ के हाथों से छूट गया और गहरे पानी की ओर चला गया. बालक पानी के अंदर डूबने लगा, यह देखकर माँ रोने और चिल्लाने लगी.

घटित घटना और अविस्मरणीय दृश्य- माँ के रोने और चीखने की आवाज को सुनकर लोगों की भीड़ एकत्र हो गई. सभी डूबते बालक पर नजरे लगाए हुए थे. जब वह पानी के उपर नहीं आया तो गोताखोरों ने बालक की तलाश की लेकिन उन्हें भी उस डूबे बालक का शव नहीं मिला.

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