मेरे जीवन का लक्ष्य पर अनुच्छेद
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Explanation:
मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर
जीवन को सही तरीके से जीने के लिए एक लक्ष्य का होना आवश्यक है |लक्ष्य होने से हमारा जीवन सफलता की ऊँचाई छु सकता है |जीवन का लक्ष्य ही जीवन के सफलता की पहली सीडी है |जिस प्रकार द्रोणाचार्य ने अर्जुन को लक्ष्य देकर ही एक सफल योद्धा बनाया था , ठीक उसी प्रकार हमारे जीवन मे भी एक लक्ष्य होना चाहिए|लक्ष्य ,भी ऐसा होना चाहिए जो हमारे मानव समाज की उन्नति मे सहायक हो।
मेरा लक्ष्य जीवन मे एक ईमानदार इंसान एवं एक सफल डॉक्टर बनना है |ईमानदार व्यक्ति ही जीवन को सही तरीके से जी सकता है एवं दूसरों की सहायता कर सकता है |समाज को सुंदर बनाने के लिए समाज मे ईमानदार लोगो का होना ज़रूरी है | डॉक्टर , लोगो का इलाज करते हैं और लोगो की जान बचाने एवं उन्हे स्वस्थ रखने का काम करते है । डॉक्टर को ईश्वर का एक रूप भी माना जाता है । यह एक ऐसा पेशा है जिसमे आप प्रत्यक्ष रूप से समाज की सेवा करते है |इन सभी बातों को ध्यान मे रखते हुए एवं शिक्षा मे जीव विज्ञान के प्रति मेरी रुचि को देखते हुए डॉक्टर बनना ही मेरा लक्ष्य है |इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मैंने अच्छे आदर्शो को अपनाया |साथ-साथ शिक्षा मे भी कठिन परिश्रम कर रहा हूँ |मुझे विश्वास है की अपनी कठिन परिश्रम से आने वाले समय मे जीवन मे इन लक्षों को प्राप्त कर लूँगा |
जिस प्रकार गीता मे श्री कृष्ण ने कहा था की "कर्म कर और फल की चिंता मत कर "उसी तरह हम सभी को चाहिए की जीवन मे एक लक्ष्य बनाए और उसकी प्राप्ति क लिए परिश्रम करते रहे |
Answer:
मेरे जीवन का लक्ष्य
जीवन में निश्चित सफलता के लिए एक निश्चित लक्ष्य को होना भी अत्यंत आवश्यक है। जिस तरह निश्चित गंतव्य तय किए बिना, चलते रहने का कोई अर्थ नहीं रह जाता, उसी तरह लक्ष्य विहीन जीवन भी निरर्थक होता है।
एक व्यक्ति को अपनी योग्यता एवं रुचि के अनुरूप अपने लक्ष्य का चयन करना चाहिए। जहाँ तक मेरे जीवन के लक्ष्य की बात है, तो मुझे बचपन से ही पढ़ने-लिखने का शौक रहा है, इसलिए मैं एक शिक्षक बनना चाहता हूँ। शिक्षा मनुष्य के व्यक्तित्व का विकास करती है और इस प्रक्रिया में शिक्षक की भूमिका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होती है।
मैं शिक्षक बनकर समाज हित में ग्रामीण क्षेत्र में नियुक्ति प्राप्त करना चाहूँगा, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छे एवं समर्पित शिक्षकों का अभाव है। एक आदर्श शिक्षक के रूप में मैं धार्मिक कट्टरता, प्राइवेट ट्यूशन, नशाखोरी आदि से बचाने हेतु सभी छात्रों का उचित मार्गदर्शन करूँगा। मैं सही समय पर विद्यालय जाऊँगा और अपना कार्य पूर्ण ईमानदारी से करूँगा। शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए सहायक सामग्रियों का भरपूर प्रयोग करूँगा, साथ ही छात्रों को हमेशा अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित करूँगा। छात्रों पर नियंत्रण रखने के लिए शैक्षणिक मनोविज्ञान का अच्छा ज्ञान प्राप्त करूँगा। मुझे आज के समाज की आवश्यकताओं का ज्ञान है, इसलिए मैं इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु छात्रों को उनके नैतिक कर्तव्यों का ज्ञान कराऊँगा। अतः मेरे जीवन का लक्ष्य होगा आदर्श शिक्षक बनकर समाज की सेवा करना तथा देश के विकास में योगदान देना।