मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध लेखन do not spam
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मेरे जीवन का लक्ष्य है कि मैं बड़ा होकर चिकित्सक बनूँ और अपने चिकित्सा ज्ञान से उन सभी लोगों को लाभान्वित करूँ जो धन के अभाव में उचित चिकित्सा प्राप्त नहीं कर पाते हैं । ... वे किस प्रकार जीवन-यापन करें, सफाई, स्वास्थ्य एवं संतुलित भोजन के महत्व को समझें, इसके लिए मैं व्यापक रूप से अपना योगदान देना चाहता हूँ ।
- मेरे जीवन का लक्ष्य
भविष्य में क्या होगा यह कहना किसी के लिए भी संभव नहीं है. मनुष्य आशा में जीता है. इसलिए वह अनिश्चित भविष्य को अंधकारमय कहते हुए चुप और निष्क्रिय नहीं रहता है. वह पहले से ही तय करता है कि भविष्य में वह किस तरीके से जीवन जीएगा. वह एक निश्चित लक्ष्य हासिल करने के लिए खुद को तैयार करता है. सभी को अपने जीवन में एक विशिष्ट लक्ष्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए और उस लक्ष्य के लिए प्रयास जारी रखना उचित है.
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विभिन्न छात्र अपने स्वयं के हितों और क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए और विशिष्ट लक्ष्यों का पीछा करना चाहिए. कुछ डॉक्टर या मंत्री बनने की ख्वाहिश रखते हैं, जबकि कुछ इंजीनियर या देशभक्त होने की ख्वाहिश रखते हैं. उनमें से कुछ कवि या लेखक होने की आकांक्षा रखते हैं, जबकि अन्य शिक्षक या व्यवसायी बनने की आशा रखते हैं. एक आदर्श किसान बनने की सोचता है, एक वीर सैनिक बनने के बारे में सोचता है. कुछ के पास विशिष्ट लक्ष्य नहीं होता है. उनमें से कुछ व्यक्ति का बहुत सारे लक्ष्य होते हैं. नतीजतन, वे गंतव्य तक पहुंच नहीं सकते हैं और निराशा में जीवन जीते हैं.
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जो शिक्षक बनने के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हैं, उन्हें पूरी लगन के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए. उनका सबसे बड़ा कर्तव्य है देश के लिए अच्छे व्यक्तित्वों का निर्माण करना है. उन्हें एक आदर्श जीवन जीना होगा. छात्रों शिक्षकों के आदर्शों से प्रेरित होकर एक आदर्श नागरिक होने का सौभाग्य प्राप्त करते हैं. शिक्षकों की जिम्मेदारी के लिए देश का भविष्य उज्जवल होता है. विभिन्न सामाजिक पूर्वाग्रहों के उन्मूलन के लिए उन्हें ध्यान देना चाहिए. विभिन्न सामाजिक समस्याएं के खिलाफ शिक्षकों को अपनी आवाज उठाना महत्वपूर्ण है. सार्वजनिक शिक्षा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पुरापल्ली में अनपढ़ लोगों को शिक्षा देना शिक्षकों का एक महत्वपूर्ण काम है.
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यदि लक्ष्य निर्धारित नहीं होता है, तो परिणाम विपरीत होता है. इसे ध्यान में रखते हुए, आपको अपने करियर के साथ आगे बढ़ना चाहिए. एक व्यक्ति आत्म-अनुशासन के माध्यम से अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि अच्छे कर्म की वजह से ही आप अपने भविष्य के लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं या जीवन के लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं. सबसे जरूरी बात ये है की, आज के युवा कल के एक जिम्मेदार नागरिक हैं। यदि केवल शिक्षित युवा ही सरकारी नौकरियों की प्रतीक्षा किए बिना कृषि, उद्योग और अन्य उत्पादक उद्योगों में स्वरोजगार प्राप्त कर सकते हैं, तो हमारे देश के आर्थिक विकास को गति मिल सकती है.