Hindi, asked by najrana401, 4 days ago

मोर के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए​

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Answered by dharmanikita
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Answer:

मोर के पंख में हरा, नीला, बैंगनी, पीला आदि रंग होते हैं। मोर की पंख में चाँद जैसी आकृतियां बनी होती हैं जो मोर को और भी सुन्दर बना देती हैं। मोर के पंख के अंतिम छोर पर एक चाँद जैसी आकृति होती हैं जिसमें सभी रंग मौजूद होते हैं। मोर के पंख मखमल के कपड़े जैसे मुलामय और सुंदर होते हैं।

Answered by hemantkumark1973
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Answer:

मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है । मोर देखने में आकर्षक लगता होगा न खास तौर पर बरसात के मौसम में जब वह अपने रंग बिरंगे पंख फैला कर नाचता है । यह एक बडा पक्षी है, गिध्द से भी बडा । इसके आकर्षक रंगीन पंखों की लम्बाई लगभग 1 से 15 मीटर होती है ।

किन्तु मोरनी को प्रकृति ने इतने सुन्दर पंख नहीं दिये है, हालांकि मोर के सर पर मुकुट जैसी जो खूबसूरत कलंगी होती है वह मोरनी के सिर पर भी होती है । मोर की लम्बी गर्दन पर सुन्दर नीला मखमली रंग होता है, किन्तु मोरनी की गर्दन हरा रंग चमकीला पन लिये होती है ।

पूरे भारत में इनका वितरण है । इन्हें वैसे नदी व जलस्त्रोतों के पास वाले जंगल पसंद होते हैं । ये अकसर घने पेडों वाले इलाके में रहते हैं । और भावनात्मक तौर पर भारत के गाँवों में इन्हें जो स्नेह दिया जाता है उसके तहत ये निड़र होकर गाँवों की गलियों में घूमते रहते हैं ।

कई बार राजस्थान के शहरी इलाकों में आराम से सड़क पार करते दिखाई दे जाते हैं और इनके लिये ट्रेफिक तक रुक जाता है । एक मोर और चार पाँच मोरनियों का एक समूह होता है । जिसमें कभी कभी कुछ अपरिपक्व मोर भी अपनी माँ के साथ घूमते दिखाई दे जाते हैं ।

ये बहुत सतर्क होते है । ये उड़ते बहुत कम हैं । जब आपात की स्थिति हो तब या फिर एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक, नदी के एक किनारे से दूसरे किनारे तक । रात्रि विश्राम के लिये ये एक बड़े घने पेड़ का आसरा लेते हैं । इनका प्रिय भोजन अन्न के दाने, कोमल तने व पत्ते, कीड़े, साँप, छिपकलियाँ आदि ।

कई बार ये खेतों का भी नुकसान कर जाते हैं । इसकी आवाज तो पता है नापिया पिया और कभी कभी काँ की ध्वनि भी अन्तराल के साथ निकालता है । जब ये आवाज करता है तो अपनी गर्दन आगे पीछे करता है ।

जब इसे मोरनी को आकर्षित करना होता है तब यह अपने पंख फैला कर बड़ा सुन्दर मगर धीमी गति का नृत्य करता है । इसके नृत्य को देखकर मानव इतना प्रभावित हुआ है कि मयूर नृत्य को हमने नृत्य में शामिल कर लिया है । इसका नीड़ बनाने का समय जनवरी से अक्टूबर तक होता है ।

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