Hindi, asked by ArpitNagar, 11 months ago

मीरा की भक्ति किस भाव की थी​

Answers

Answered by aakriti92
7

Answer:

mera bhakti for Krishna better. mera married for krishna in The Statue of krishna and always thinking about my Lord Krishna

Answered by ranjit4024
5

Explanation:

मीरा की भक्ति में माधुर्य- भाव काफी हद तक पाया जाता था। वह अपने इष्टदेव कृष्ण की भावना प्रियतम या पति के रुप में करती थी। उनका मानना था कि इस संसार में कृष्ण के अलावा कोई पुरुष है ही नहीं। कृष्ण के रुप की दीवानी थी--

बसो मेरे नैनन में नंदलाल।

मोहनी मूरति, साँवरि, सुरति नैना बने विसाल।।

अधर सुधारस मुरली बाजति, उर बैजंती माल।

क्षुद्र घंटिका कटि- तट सोभित, नूपुर शब्द रसाल।

मीरा प्रभु संतन सुखदाई, भक्त बछल गोपाल।।

मीराबाई रैदास को अपना गुरु मानते हुए कहती हैं -

गुरु मिलिया रैदास दीन्ही ज्ञान की गुटकी।

इन्होंने अपने बहुत से पदों की रचना राजस्थानी मिश्रित भाषा में ही है। इसके अलावा कुछ विशुद्ध साहित्यिक ब्रजभाषा में भी लिखा है। इन्होंने जन्मजात कवियित्री न होने के बावजूद भक्ति की भावना में कवियित्री के रुप में प्रसिद्धि प्रदान की। मीरा के विरह गीतों में समकालीन कवियों की अपेक्षा अधिक स्वाभाविकता पाई जाती है। इन्होंने अपने पदों में श्रृंगार और शांत रस

का प्रयोग विशेष रुप से किया है।

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