मीरा की भक्ति का स्वरूप बताइए?
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मीराबाई श्री कृष्ण के अनन्य भक्तिन थीं। वह श्री कृष्ण के प्रति भक्ति की प्रतिमूर्ति थीं। श्रीकृष्ण की अनन्य उपासिका होने के कारण उनके पदों में श्री कृष्ण की भक्ति का सर्वाधिक वर्णन मिलता है। उन्होंने श्री कृष्ण की आराधना अपने पति के रूप में की थी। वह बचपन से ही श्रीकृष्ण को अपना पति मान चुकी थी, इसी कारण उनकी भक्ति भरे पदों में दांपत्य भाव की झलक मिलती है। जहाँ मीराबाई ने अपने आराध्य श्रीकृष्ण की भक्ति पति के रूप में की है, वहीं अपने पदों में उन्होंने ईश्वर की आराधना और भक्ति भी की है। उनके पदों से स्पष्ट होता है कि वह उनके लिए श्रीकृष्ण की सर्वोस्व थे।
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