मीरा के कोई दो पद लिखिए
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मीरा के दोहे पद हिन्दी अर्थ सहित
मनमोहन कान्हा विनती करूं दिन रैन राह तके मेरे नैन ...
हरि आप हरो जन री भीर।
द्रोपदी री लाज राखी, आप बढ़ायो चीर। ...
मन रे परसी हरी के चरण सुभाग शीतल कमल कोमल ...
चाकर रहस्यूँ बाग लगास्यूँ नित उठ दरसण पास्यूँ। बिन्दरावन री कुंज गली में , गोविन्द लीला गास्यूँ। ...
माई री ! मै तो लियो गोविन्दो मोल |
Answer:
मीरा जी के दो पद, I hope it will help you.
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1.) मन रे परसी हरी के चरण
सुभाग शीतल कमल कोमल
त्रिविध ज्वालाहरण
जिन चरण ध्रुव अटल किन्ही रख अपनी शरण,
जिन चरण ब्रह्माण भेद्यो
नख शिखा सिर धरण,
जिन चरण प्रभु परसी लीन्हे करी गौतम करण,
जिन चरण फनी नाग
नाथ्यो गोप लीला करण,
जिन चरण गोबर्धन धर्यो गर्व माधव हरण
दासी मीरा लाल गिरीधर आगम तारण तारण
मीरा मगन भाई
लिसतें तो मीरा मगनभाई
2.) पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ..
वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु किरपा करि अपनायो. पायो जी मैंने…
जनम जनम की पूंजी पाई जग में सभी खोवायो. पायो जी मैंने…
खरचै न खूटै चोर न लूटै दिन दिन बढ़त सवायो. पायो जी मैंने…
सत की नाव खेवटिया सतगुरु भवसागर तर आयो. पायो जी मैंने…
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर हरष हरष जस गायो. पायो जी मैंने…