Hindi, asked by apadma, 3 months ago

मीरा के पद का भाव अपने शब्दों में लिखिए​

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Answered by kanak4674
24

Answer:

इस पद की कवयित्री मीरा है। इसमें कवयित्री भगवान श्री कृष्ण के भक्त - प्रेम को दर्शा रही हैं और स्वयं की रक्षा की गुहार लगा रही है । व्याख्या -: इस पद में कवयित्री मीरा भगवान श्री कृष्ण के भक्त - प्रेम का वर्णन करते हुए कहती हैं कि आप अपने भक्तों के सभी प्रकार के दुखों को हरने वाले हैं अर्थात दुखों का नाश करने वाले हैं।

Answered by lokeshlokeshbalaji
1

Explanation:

इस पद की कवयित्री मीरा है। इसमें कवयित्री भगवान श्री कृष्ण के भक्त - प्रेम को दर्शा रही हैं और स्वयं की रक्षा की गुहार लगा रही है । व्याख्या -: इस पद में कवयित्री मीरा भगवान श्री कृष्ण के भक्त - प्रेम का वर्णन करते हुए कहती हैं कि आप अपने भक्तों के सभी प्रकार के दुखों को हरने वाले हैं अर्थात दुखों का नाश करने वाले हैं।

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