मीराँ की रचनाओं के बारे में विद्वानों का क्या अभिमत रहा है?
Answers
Answered by
13
Answer:
हिन्दी साहित्य का परिशीलन करने से यह ज्ञात होता है कि कई रंचनाओं का उल्लेख मीराँ के नाम से किया गया है। जो रचनाएँ मीराँ द्वारा रचित बतायी गई हैं, वे हैं-नरसीजी रो माहिरो, गीत गोविन्द की टीका, मीराँनी गरबी, मीरा के पद, राग सोरठ के पद, रास गोविन्द ‘नरसीजी रो माहिरो’ में नरसी मेहता के भात भरने का वर्णन है। ‘गीत गोविन्द की टीका’ अभी तक अप्राप्य है। ‘रास गोविन्द’ के बारे में अनुमान है कि उन्होंने रचा होगा। ‘रागसोरठ के पद’ में मीराँ, कबीर और नामदेव के पदों का संग्रह है। ‘मीराँनी गरबी’ या ‘गीत’ रास मण्डली के गीतों के समान गाये जाते हैं। ये सब प्रारम्भ में मौखिक रहे हैं।
Similar questions