मेरी किस्मतों को मिले हाथ तेरे
फिर से लकीरें दिखने लगी
देखा तुम्हें तो ऐसा लगा है
जैसे ये आँखें धड़कने लगी
रहूँ उम्र भर मैं तेरी तू मेरा
जब मैं बादल बन जाऊं
तुम भी बारिश बन जाना
जो कम पड़ जाए सासें
तू मेरा दिल बन जाना
रिम झिम सावन की बूदें
तू हर मौसम बरसाना
जो कम पड़ जाए सासें
तू मेरा दिल बन जाना
मेरे लबों से आये कभी भी
हो नाम पहला तेरा मेरी जबां पे
चाहे ज़माना मुंह मोड़ ले पर
हर पल तू रहना मेरा
बस ये दुआ है
बना लुंगी मैं अब
तुझे ही खुदा
जब मैं बादल बन जाऊं
तुम भी बारिश बन जाना
जो कम पड़ जाए सासें
तू मेरा दिल बन जाना
हाँ रिम झिम सावन की बूदें
तू हर मौसम बरसाना
जो कम पड़ जाए सासें
तू मेरा दिल बन जाना
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wow what a amazing poem l am thankful to the people who write this amazing poem and also thank to you who send it in this aap
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