Hindi, asked by shaikrehaan00, 1 month ago

मेरी किस्मतों को मिले हाथ तेरे
फिर से लकीरें दिखने लगी
देखा तुम्हें तो ऐसा लगा है
जैसे ये आँखें धड़कने लगी
रहूँ उम्र भर मैं तेरी तू मेरा
जब मैं बादल बन जाऊं
तुम भी बारिश बन जाना
जो कम पड़ जाए सासें
तू मेरा दिल बन जाना
रिम झिम सावन की बूदें
तू हर मौसम बरसाना
जो कम पड़ जाए सासें
तू मेरा दिल बन जाना
मेरे लबों से आये कभी भी
हो नाम पहला तेरा मेरी जबां पे
चाहे ज़माना मुंह मोड़ ले पर
हर पल तू रहना मेरा
बस ये दुआ है
बना लुंगी मैं अब
तुझे ही खुदा
जब मैं बादल बन जाऊं
तुम भी बारिश बन जाना
जो कम पड़ जाए सासें
तू मेरा दिल बन जाना
हाँ रिम झिम सावन की बूदें
तू हर मौसम बरसाना
जो कम पड़ जाए सासें
तू मेरा दिल बन जाना​

Answers

Answered by bhardwaj521565
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Answer:

wow what a amazing poem l am thankful to the people who write this amazing poem and also thank to you who send it in this aap

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