Hindi, asked by adityajs12321, 9 months ago

मीरा की दास्य - भक्ति का वर्णन 80 - 100 शब्दों में कीजिए

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Answered by punamdevi80074
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मीराबाई (1498-1573) सोलहवीं शताब्दी की एक कृष्ण भक्त और कवयित्री थीं। उनकी कविता कृष्ण भक्ति के रंग में रंग कर और गहरी हो जाती है।[1] मीरा बाई ने कृष्ण भक्ति के स्फुट पदों की रचना की है। मीरा कृष्ण की भक्त हैं।

जीवन परिचय संपादित करें

मीराबाई का मंदिर, चित्तौड़गढ़ (१९९०)

मीराबाई का जन्म सन 1498 ई. में मेड़ता (कुड़की) में दूदा जी के चौथे पुत्र रतन सिंह के घर हुआ। ये बचपन से ही कृष्णभक्ति में रुचि लेने लगी थीं। मीरा का विवाह मेवाड़ के सिसोदिया राज परिवार में हुआ। उदयपुर के महाराजा भोजराज इनके पति थे जो मेवाड़ के महाराणा सांगा के पुत्र थे। विवाह के कुछ समय बाद ही उनके पति का देहान्त हो गया। पति की मृत्यु के बाद उन्हें पति के साथ सती करने का प्रयास किया गया, किन्तु मीरा इसके लिए तैयार नहीं हुईं। मीरा के पति का अंतिम संस्कार चित्ततोड़ में मीरा की अनुपस्थिति में हुुुआ। पति की म्रत्यू पर भी मीरा माता ने अपना श्रंगार नही उतारा, क्योंकि वह गिरधर को अपना पति मानती थी।

वे विरक्त हो गई और साधु-संतों की संगति में हरिकीर्तन करते हुए अपना समय व्यतीत करने लगी। पति के परलोकवास के बाद इनकी भक्ति दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई। ये मंदिरों में जाकर वहाँ मौजूद कृष्णभक्तों के सामने कृष्णजी की मूर्ति के आगे नाचती रहती थी। मीराबाई का कृष्णभक्ति में नाचना और गाना राज परिवार को अच्छा नहीं लगा। उन्होंने कई बार मीराबाई को विष देकर मारने की कोशिश की। घर वालों के इस प्रकार के व्यवहार से परेशान होकर वह द्वारका और वृन्दावन गई। वह जहाँ जाती थी, वहाँ लोगों का सम्मान मिलता था। लोग उन्हे देवी के जैसा प्यार और सम्मान देते थे। मीरा का समय बहुत बड़ी राजनैतिक उथल-पुथल का समय रहा है। बाबर का हिंदुस्तान पर हमला और प्रसिद्ध खानवा का युद्ध उसी समय हुआ था। इस सभी परिस्तिथियों के बीच मीरा का रहस्यवाद और भक्ति की निर्गुण मिश्रित सगुण पद्धत्ति सवर्मान्य बनी।

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Answered by Anonymous
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Question:- मीरा की दासी भक्ति का वर्णन 80 शब्दों में कीजिए⤵

Answer:-⤵

आसमान में जितने सितारे हैं उनसे ज्यादा प्रेम था प्रेम की भावना थी मीरा के दिन में श्री कृष्ण के लिए एक भक्तों की तरह अब यह तो सभी जानते हैं कि आसमान में तेरे सितारे हैं कि उन्हें कोई नहीं गिर सकता लेकिन आसमान के सितारों से ज्यादा मीरा के भक्ति के प्रेम में था कि कोई भी मीरा का प्रेम बता नहीं सकता कि कितना प्रेम मीरा करती थी स्वीकृत से जैसे कि कोई दिन नहीं सकता आसमान में कितने सितारे हैं उसी तरह कोई बता नहीं सकता कि मेरा के दिल में कितना प्रेम है भगवान श्री कृष्ण फिल्म कितनी बड़ी भक्त है.

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