Hindi, asked by fanofharry53, 11 months ago

मीरा का उद्देश्य सांसारिक सुखों की प्राप्ति क्यों नहीं है? मेरा कैसा जीवन जीना चाहती है?

Answers

Answered by akbarhussain26
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Answer:

पहले पद में मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है?

उत्तर: पहले पद में मीरा ने हरि को याद दिलाया है कि कैसे उन्होंने अपने कई भक्तों की मदद की थी। मीरा ने द्रौपदी, प्रह्लाद और ऐरावत के उदाहरण देते हुए हरि से विनती की है कि वे मीरा के दुख को भी दूर करें।

दूसरे पद में मीराबाई श्याम की चाकरी क्यों करना चाहती हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: मीराबाई कृष्ण के दर्शन करने का कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहती हैं। वे चाहती हैं कि दिन रात श्याम उनके सामने ही रहें। इसलिए मीराबाई श्याम की नौकरी करना चाहती हैं ताकि उन्हें श्याम को बार-बार देखने का मौका मिले।

मीराबाई ने श्रीकृष्ण के रूप-सौंदर्य का वर्णन कैसे किया है?

उत्तर: कृष्ण के उस रूप का वर्णन मीरा ने किया है जो जग जाहिर है। कृष्ण के पीले वस्त्र, मोर का मुकुट और गले में वैजयंती माला बहुत सुंदर लगती है। कृष्ण जब वृंदावन में इस रूप में गाय चराते हैं तो उनका रूप मोहने वाला होता है।

मीराबाई की भाषा शैली पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: मीराबाई की भाषा में राजस्थान की बोली का पुट है क्योंकि वे राजस्थान की थीं। उन्होंने सामान्य बोलचाल में प्रयुक्त होने वाले शब्दों का प्रयोग किया है। मीरा के पद को आसानी से संगीतबद्ध किया जा सकता है। उनकी सरल शब्दावली के कारण मीरा के पद आसानी से लोगों की जुबान पर चढ़ जाते हैं।

वे श्रीकृष्ण को पाने के लिए क्या-क्या कार्य करने को तैयार हैं?

उत्तर: वे श्रीकृष्ण को पाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। यहाँ तक कि वे कृष्ण के यहाँ दासी बनने को भी तैयार हैं।

निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए:

हरि आप हरो जन री भीर।

द्रौपदी री लाज राखी, आप बढ़ायो चीर।

भगत कारण रूप नरहरि धरयो आप सरीर।

उत्तर: इन पंक्तियों में भगवान के महात्म्य का वर्णन है। ऐसा माना जाता है कि भगवान हर किसी के दुख को दूर करते हैं। जब द्रौपदी पर गहरा संकट आया था, उनकी लाज पर खतरा था तब भगवान ने उन्हें कभी न खत्म होने वाली साड़ी प्रदान करके उनकी लाज बचाई थी। भगवान अपने भक्तों के दुख दूर करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। प्रह्लाद की जान बचाने के लिए तो भगवान ने नरसिंह का शरीर धारण कर लिया था।

बूढ़तो गजराज राख्यो, काटी कुञ्जर पीर।

दासी मीराँ लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर॥

उत्तर: इन पंक्तियों में मीरा ने उस घटना का उल्लेख किया है जब ऐरावत एक मगरमच्छ के चंगुल में फँस गया था। भगवान ने समय पर आकर ऐरावत की जान बचाई थी। मीरा चाहती हैं कि उसी तरह से भगवान आकर उनके दुख को भी दूर करें।

Answered by VarshaSharma608
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मीरा एक ऐसा जीवन जीना चाहती है जिसमें उसे सिर्फ श्रीकृष्ण ही दिखे और उसकी आखों में बस जाएं

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