Hindi, asked by harshraj1884, 3 months ago

मेरी मातृभाषा हिंदी पर निबंध।​

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Answered by bhatiamona
5

मेरी मातृभाषा हिंदी पर निबंध।​

मेरी मातृभाषा हिंदी (निबंध)

भूमिका : मेरी मातृभाषा हिंदी है। मुझे अपनी मातृभाषा पर बेहद गर्व है। मेरी मां मातृभाषा पूरे भारत में बोली जाती है। कुछ एक छोटे-मोटे क्षेत्रों को अपवाद छोड़ दिया जाए तो पूरे भारत में मेरी मातृभाषा को समझ लिया जाता है। मेरी मातृभाषा हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।

हिंदी भाषा बेहद सरल है जिसे बोलना और सीखना बेहद आसान है। इसी कारण यह भारत सहित दुनिया के बहुत से क्षेत्रों में आसानी से बोली जाती है। हिंदी को आगे बढ़ाने में फिल्मों और टीवी का बड़ा योगदान रहा है। मुझे अपनी मातृभाषा पर गर्व है हिंदी जैसी कोई नहीं।

उपसंहार :

हिंदी देवनागरी में लिखी जाने वाली भाषा है। हिंदी की जननी भाषा संस्कृत हैय़ संस्कृत से ही हिंदी का जन्म हुआ है। मेरे हिंदी भाषा का इतिहास 1000 साल पुराना है ।हिंदी और संस्कृत की लिपि देवनागरी है। हिंदी में संस्कृत शब्दों की बेहद भरमार है। हिंदी बेहद लचीली भाषा है, जिसने संस्कृत के अलावा अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी भाषा से अनेक शब्द लिए हैं। इसी कारण हिंदी निरंतर समृद्धि हुई है। मुझे अपनी हिंदी भाषा पर गर्व है।

Answered by chetantarpura51
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Answer:

मेरी मातृभाषा हिंदी पर निबंध।​

मेरी मातृभाषा हिंदी (निबंध)

भूमिका : मेरी मातृभाषा हिंदी है। मुझे अपनी मातृभाषा पर बेहद गर्व है। मेरी मां मातृभाषा पूरे भारत में बोली जाती है। कुछ एक छोटे-मोटे क्षेत्रों को अपवाद छोड़ दिया जाए तो पूरे भारत में मेरी मातृभाषा को समझ लिया जाता है। मेरी मातृभाषा हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।

हिंदी भाषा बेहद सरल है जिसे बोलना और सीखना बेहद आसान है। इसी कारण यह भारत सहित दुनिया के बहुत से क्षेत्रों में आसानी से बोली जाती है। हिंदी को आगे बढ़ाने में फिल्मों और टीवी का बड़ा योगदान रहा है। मुझे अपनी मातृभाषा पर गर्व है हिंदी जैसी कोई नहीं।

उपसंहार :

हिंदी देवनागरी में लिखी जाने वाली भाषा है। हिंदी की जननी भाषा संस्कृत हैय़ संस्कृत से ही हिंदी का जन्म हुआ है। मेरे हिंदी भाषा का इतिहास 1000 साल पुराना है ।हिंदी और संस्कृत की लिपि देवनागरी है। हिंदी में संस्कृत शब्दों की बेहद भरमार है। हिंदी बेहद लचीली भाषा है, जिसने संस्कृत के अलावा अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी भाषा से अनेक शब्द लिए हैं। इसी कारण हिंदी निरंतर समृद्धि हुई है। मुझे अपनी हिंदी भाषा पर गर्व है।

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