History, asked by angela7240, 13 hours ago

मेरी मिट्टी से भी खुशबू ऐवतन आएगी nibandh​

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शहीद दिवस पर अग्रसेन नगर पार्क में सनातन विचार मंच ने कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में मंच द्वारा संचालक अमोना, सिविल लाइन व नंदानगर के बच्चों ने भाग लिया। मंच के संस्थापक रवींद्रनाथ भारद्वाज ने बच्चों के सामने भगतसिंह के आखिरी वे दो शेर सुनाए जो भगतसिंह ने अपनी फांसी के पहले सुनाए थे। साथ ही शिवराम राजगुरु के आखिरी शेर सुनाकर भारद्वाज ने बच्चों में देशभक्ति का जज्बा जगाया और ऊर्जा का संचार किया।

लाहौर में सांडर्स की हत्या, असेंबली में बम धमाका आदि केस चले और 7 अक्तूबर, 1930 को ट्रिब्यूनल का फैसला जेल में पहुंचा, जो इस प्रकार था-भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी, कमलनाथ तिवारी, विजय कुमार सिंह, जयदेव कपूर, शिव वर्मा, गया प्रसाद, किशोरी लाल और महावीर सिंह को आजीवन, कुंदनलाल को सात तथा प्रेमदत्त को तीन साल का कठोर कारावास। दत्त और भगत सिंह को असेंबली बम कांड के लिए उम्रकैद सुनाई गयी। इस निर्णय के विरोध में पूरे देश में आंदोलन प्रारम्भ हो गए। गांधी जी लार्ड इरविन के साथ वार्ता-समझौते में भी यह फैसला न बदलवा सके। ये तीन वीर युवक जो भारत मां को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करवाने, देश की जवानी को बलिदान एवं त्याग की नयी राह दिखाने के लिए स्वयं बलिपथ के पथिक बन गए। भारत मां के तीन बेटे सुखदेव, भगत सिंह तथा शिवराम राजगुरु 23 मार्च, 1931 को बलिदान हो गए। इन्हें संध्या के समय फांसी दी गई, क्योंकि निश्चित तिथि 24 मार्च की प्रातःकाल तक जनाक्रोश सहने की हिम्मत ही अंग्रेज शासकों में नहीं थी। जब ये तीनों शेर फांसी के लिए चले तो उहोंने हथकड़ियां न लगाने और चेहरे न ढकने को कहा और इनकी बात मान ली गई। बीच में भगत सिंह, दाहिने बायें राजगुरु और सुखदेव। उनके होंठों पर गीत था-

दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उलफत

मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी।

कन्नौद - शहीद भगत सिंह की शहादत को याद करते हुए शहीद भगतसिंह व्यायाम शाला द्वारा रविवार को कैंडिल मार्च निकाला गया। मार्च नगर पंचायत चौराहे से होते हुए शाकवि परिसर स्थित शहीद स्मारक पहुंचा, जहां भगतसिंह की प्रतिमा के समक्ष श्रद्धांजलि दी। इस दौरान पूर्व विधायक कैलाश कुंडल, ब्रजमोहन धूत, ओपी उपाध्याय, रोशन नागर, देवेंद्र भाटिया, संतोष पंडा, नितिन सोनी, असद शेख, राधेश्याम पंवार, अनिल नागर, अनिल बिंजवा, घनश्यामसिंह राठौर, व्यायाम शाला के अनिल नागर, अनिल विजबा, रोशन नागर, सतीश यादव, खुमानसिंह रजावत आदि मौजूद थे।  कार्यक्रम के दौरान शहीदों के व्यक्तित्व-कृतित्व की जानकारी देते वक्ता।  शहीद दिवस - सनातन विचार मंच ने याद किया शहीदों को, कन्नौद में निकला कैंडल मार्च

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