मेरा मन कभी कभी बैठ जाता है । सामाचार पत्रों में ठगी ,डकैती,चोरी तस्करी और भ्रष्टाचार भरे रहते हैं। आरोप प्रत्यारोप का कुछ ऐसा वातावरण बन गया है कि लगता है , देश में कोई ईमानदार आदमी ही नहीं रह गया है ।हर व्यक्ति संदेह की दृष्टि से देखा जाता है । जो जिता ए ही ऊँचे पद पर है उनमें उतने ही अधिक दोष दिखाए जाते हैं ।
प्रस्तुत पंक्ति कौन से पाठ से लिया गया है ?
(1 Point)
(i) अब क्या निराश हुआ जाता
(ii) क्या निराश हुआ जाए
(iii) लाख की चूडियाँ
7.
(ख) इस पाठ के लेखक कौन हैं
(1 Point)
(i) प्रेमचंद
(ii) अराविंद कुमार सिंह
(iii) हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
8.
(ग) आजकल समाचार पत्रों में क्या छपते हैं ?
(1 Point)
(i) ठगी एवं डकैती
(ii) चोरी, तस्करी , भ्रष्टाचार
(iii) उपर्युक्त सभी
9.
(घ) प्रत्येक व्यक्ति को किस दृष्टि से देखा जाता है ?
(1 Point)
(i) नफ़रत की दृष्टि से
(ii) प्रेम की दृष्टि से
(iii) संदेह की दृष्टि से
10.
(ङ) ईमानदार – शब्द का विलोम है
(1 Point)
(i) बेईमान
(ii) बाईमान
(ii) ईमान
Pls answer I am weak in hindi
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क्या निराश हुआ जाए !
हजारी प्रसाद द्विवेदी !
उपयुक्त सभी !
संदेह की दृष्टि से !
बेईमान !
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ठगी,डकैती,चोरी,तसकरी और भृषटाचार
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