Hindi, asked by preety77220, 8 months ago

मेरे मन निराश होने की जरूरत नही !

( क्या निराश हुआ जाए) पाठ के आधार पर इस कथन के पीछे छिपे लेखक के मनोभावों को अपने शब्दों भें व्यक्त कीजिए |​

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Answered by qwstoke
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मेरे मन निराश होने की जरूरत नहीं, पाठ के आधार पर इस कथन के पीछे छिपे लेखक के मनोभाव निम्नलिखित हैं

- क्या निराश हुआ जाय , हजारीप्रसाद द्विवेदी जी का प्रेरणात्मक निबंध है। लेखक इस कथन द्वारा यह संदेश देना चाहते है कि यद्यपि आज समाज में बुराईयां, भ्रष्टाचार, ठगी, चोरी बढ़ गई है परन्तु इन परिस्थितियों में हमें सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए, यदि हम निराश हो जाएंगे तो समस्या का समाधान होने की बजाय और मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

- लेखक हमें प्रेरणा देते है कि हमें अपनी सोच बदलनी चाहिए , समाज में व्यापक बुराइयों को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए। लेखक प्राचीन मूल्यों व सिद्धांतो के प्रति आस्था में विश्वास रखते है।

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