मेरा मन पसंद पर्व पर अनुच्छेद लिखिए
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⭐मेरा प्रिय त्यौहार⭐
भारतवर्ष में वैसे तो पूरे वर्ष अनेक त्यौहार मनाये जाते हैं, किन्तु उनमें 'दीवाली' का त्यौहार मुझे बहुत पसंद है। दीवाली का त्यौहार मेरा प्रिय त्यौहार है। दीवाली हिन्दुओं का प्रसिद्ध त्यौहार है। दीवाली को दीपावली भी कहते हैं। 'दीपावली' का अर्थ होता है - 'दीपों की माला या कड़ी'।
दीवाली 'प्रकाश' का त्यौहार है। दीवाली हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या को मनायी जाती है। इस दिन लगभग सभी घर एवं रास्ते दीपक एवं प्रकाश से रोशन किये जाते हैं।
दीवाली का त्यौहार मनाने का प्रमुख कारण है कि इस दिन भगवान् राम, अपनी पत्नी सीता एवं अपने भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास बिताकर अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने तेल के दिए जलाकर प्रकाशोत्सव मनाया था। इसी कारण इसे 'प्रकाश के त्यौहार' के रूप में मनाते हैं।
दीवाली के दिन सभी लोग ख़ुशी मनाते हैं एवं एक-दूसरे को बधाईयां देते हैं। बच्चे खिलौने एवं पटाखे खरीदते हैं। दुकानों एवं मकानों की सफाई की जाती है एवं रंग पुताई इत्यादि की जाती है। रात्रि में लोग धन की देवी 'लक्ष्मी' की पूजा करते हैं।
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Answer:
मेरा प्रिय त्योहार
मेरा प्रिय त्योहार दीवाली है |दीवाली को 'दीपावली' भी कहते है |दीपावली का अर्थ होता है - दीपो की माला या कड़ी |दीवाली प्रकाश का त्योहार है |यह हिन्दू केलेण्डर के अनुसार कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है |दीवाली मे लगभग सभी घर एवं रास्ते दीपक एवं प्रकाश से रोशन किए जाते है |
'दीवाली ' का त्योहार मनाने का प्रमुख कारण है की इस दिन भगवान राम ,अपनी पत्नी सीता एवं अपने भाई लक्ष्म्ण के साथ 14 वर्ष का वनवास बिताकर अयोध्या लौटे थे |उनके स्वागत मे अयोध्या वासियो ने दिये जलाकर प्रकाश उत्सव मनाया था |इसी कारण प्रकाश के उत्सव को दीवाली के रूप मे हर वर्ष मानते है |यह त्योहार अपने साथ बहुत खुशिया एवं उत्साह लेकर आता है |
दीवाली के एक- दो हफ्ते पूर्व से ही लोग घर,आँगन ,मोहल्ले ,दुकाने सजाना शुरू कर देते है |बाज़ार मे रंग बिरंगे सामान ,कपड़ो,गहनों आदि की ख़रीदारी शुरू हो जाती है |कई प्रकार के पकवान एवं मिठाइया बनाई जाती है |बाज़ार मे मिट्टी के दीपो ,खिलौने ,खिल-बताशे और मिठाईओ की दुकानों पर भीड़ होती है |दीवाली आने पर हर घर मे खुशी की लहर दिखाई देती है |
दीवाली के दिन महा लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है |माना जाता है इस दिन महालक्ष्मी की पूजा करने से घर मे सुख शांति,संपत्ति और समृद्धि का विकास होता है |संध्या होते ही पूजा शुरू हो जाती है । लोग अपने घरो एवं व्यापारी अपने दुकानों मे बहीखातों की पूजा करते है |संध्या के समय घर आँगन जगमगा उठते है|सभी नए वस्त्र पहनते है ,बच्चे फटाके फोड़ते है जिसमे प्रमुख अनार,चकली,फुलझड़ी ,रॉकेट आदि होते है |महिलाए भी घर आँगन मे कई प्रकार की रंगीन रंगोली बनाती है ,साथ ही संध्या होते ही दियो के प्रकाश से सारे घर को सजाती है और खुद भी सजती सवरती है |
दीवाली के दूसरे दिन सभी लोग अपने रिश्तेदार ,मित्रो से मिलके दीवाली की शुभकामनाए देते है |लज़ीज़ पकवानो एवं मिठाइयो का लुफ्त उठाते है |इस तरह दीवाली का त्योहार हर साल भारत मे खुशी एवं ज़ोर शोर से मनाया जाता है|
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