‘मेरे ऩाॉव झनझन करने ऱगे थे, ऩर मन वॊदावन हो रहा था त ।’-इस ऩॊजक्त में र्नहहत ऱेखखका
की मनोभावना को ‘साना-साना हाथ जोडड..’ ऩाठ के आधार ऩर अऩने शब्दों में मऱखखए|
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जितेन नोर्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति तथा वहाँ की भौगोलिक स्थिति और जन जीवन के बारे में जो-जो महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं? उन्हें अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
प्रकृति के साथ हो रहे खिलवाड़ को कैसे रोका जा सकता है?
जितेन नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते हैं?
‘कितना कम लेकर ये समाज को कितना अधिक वापस लौटा देती हैं।’ ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के इस कथन में निहित जीवन मूल्यों को स्पष्ट कीजिए और बताइए कि देश की प्रगति में नागरिक की क्या भूमिका है?
सिक्किम के यात्रा-वृत्तांत में लेखिका को सीमा पर तैनात सैनिकों को देखकर किस प्रकार की अनुभूति हुई? साना-साना हाथ जोड़ि पाठ के आधार पर बताइए।
एक संवेदनशील युवा नागरिक के रूप में पर्यावरण-प्रदूषण को रोकने में आपकी क्या भूमिका हो सकती है? साना साना हाय जोड़ि पाठ को दृष्टि में रखते हुए उत्तर दीजिए।
‘काश कश्मीर के साथ भी ऐसा सहज विलय हो जाता’ लेखिको मधु कांकरिया का इस बात को कहने के पीछे क्या उद्देश्य निहित है ? आपके मन में कश्मीर की स्थिति पर विचार करके क्या अनुभव होता है?
देश की सीमा पर बैठे फौजी कई तरह से कठिनाइयों का मुकाबला करते हैं। सैनिकों के जीवन से किन-किन जीवन-मूल्यों को अपनाया जा सकता है? चर्चा कीजिए।