India Languages, asked by meghanajoshi1085, 4 months ago

मार प्रिटी वृक्षी न्याय​

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Answered by aashu7032
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वृक्ष प्रकृति की एक अनमोल देन है और यही वजह है कि भारत में वृक्षों को प्राचीन काल से ही पूजा जाता रहा है। आज भी यह प्रथा कायम है। वृक्ष हमारे परम हितैसी निःस्वार्थ सहायक अभिन्न मित्र हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में वृक्षों का अत्यधिक महत्व है। वृक्षों के बिना अधिकांश जीवों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। वृक्षों से ढके पहाड़, फल और फूलों से लदे वृक्ष, बाग, बगीचे मनोहारी दृश्य उपस्थित करते हैं और मन को शांति प्रदान करते हैं। वृक्षों से अनेकों लाभ हैं जैसे वृक्ष अपनी भोजन प्रक्रिया के दौरान वातावरण से कार्बन डाइ ऑक्साइड लेते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं जिससे अनेक जीवों का जीवन संभव हो पाता है। वृक्षों से हमें लकड़ी, घास, गोंद, रेजिन, रबर, फाइबर, सिल्क, टैनिन, लैटेक्स, हड्डी, बांस, केन, कत्था, सुपारी, तेल, रंग, फल, फूल, बीज तथा औषधियाँ प्राप्त होती हैं। वृक्ष पर्यावरण को शुद्ध करने का कार्य करते हैं और प्रदूषण को दूर करते हैं। ध्वनि प्रदूषण को दूर करते हैं। वायु अवरोधक की तरह काम करते हैं और इस तरह आँधी तूफान से होने वाली क्षति को कम करते हैं। वृक्ष की जड़ मिट्टी को मजबूती से पकड़ कर रखती है जिससे भूमि कटान रुकता है।

अन्यथा पहाड़ों पर से मिट्टी बह कर मैदानी क्षेत्रों में आती है और वहाँ वह नदियों के धरातल में जमा होकर नदियों की गहराई को कम कर देती है परिणाम स्वरूप मैदानी इलाकों में अधिक वर्षा होने पर जल्दी बाढ़ आती है। वृक्ष वर्षाजल को धरा पर रोकते हैं और वातावरण को नम रखते हैं। वृक्ष वर्षाजल को तेजी से बहने से रोकते हैं जिससे जल पृथ्वी में नीचे तक पहुँच पाता है और भूमिगत जल स्तर बढ़ाता है। वृक्ष सूर्य के ताप से जीवों को बचाते हैं। अनेकों जीव इसकी गोद में शरण पाते हैं और इसके फल, फूल, जड़, तना तथा पत्तों से अपना पोषण करते हैं। इस बात को यूँ भी समझ सकते हैं-

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