मेरा प्रिय खेल फुटबॉल निबंध
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फुटबाल अन्य खेलों की अपेक्षा बहुत ही आसान और सस्ता खेल है। यह खेल दो दलों के बीच खेला जाता है। दोनों दलों के खिलाडिय़ों की संख्या 11-11 होती है। इनमें गोल रक्षक भी शामिल है। इस ख्ेाल के मैदान की लंबाई कम से कम 100 गज और अधिक से अधिक 130 गज होती है। इसकी चौड़ाई कम से कम 50 गज और अधिक से अधिक 100 गज होती है। अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों के दौरान इसकी लंबाई 120 से अधिक और 110 गज से कम होती है। वहीं चौड़ाई 80 गज से अधिक किंतु 70 गज से कम नहीं होती। इसमें भी दो कप्तान और दो निर्णयक होते हैं। गेंद की परिधि 27 इंच तक की होती है। डी गोल से 6 गज की दूरी तक मैदान की ओर होता है। ख्ेाल के शुरू होने पर फुटबाल का वजन कम से कम 14 औंस तक अधिक से अधिक 16 औंस होता है।
प्रत्येक खेल की शुुरआत किसी न किसी देश में अवश्य हुई है। फुटबाल की शुरुआत करने वाले देश का नाम है रूस। फुटबाल रूस का राष्ट्रीय खेल है।
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Hindi Essay on “Mera Priya Khel : Football ” , ”मेरा प्रिय खेल : फुटबाल” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
मेरा प्रिय खेल : फुटबाल
Mera Priya Khel : Football
फुटबाल अन्य खेलों की अपेक्षा बहुत ही आसान और सस्ता खेल है। यह खेल दो दलों के बीच खेला जाता है। दोनों दलों के खिलाडिय़ों की संख्या 11-11 होती है। इनमें गोल रक्षक भी शामिल है। इस ख्ेाल के मैदान की लंबाई कम से कम 100 गज और अधिक से अधिक 130 गज होती है। इसकी चौड़ाई कम से कम 50 गज और अधिक से अधिक 100 गज होती है। अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों के दौरान इसकी लंबाई 120 से अधिक और 110 गज से कम होती है। वहीं चौड़ाई 80 गज से अधिक किंतु 70 गज से कम नहीं होती। इसमें भी दो कप्तान और दो निर्णयक होते हैं। गेंद की परिधि 27 इंच तक की होती है। डी गोल से 6 गज की दूरी तक मैदान की ओर होता है। ख्ेाल के शुरू होने पर फुटबाल का वजन कम से कम 14 औंस तक अधिक से अधिक 16 औंस होता है।
प्रत्येक खेल की शुुरआत किसी न किसी देश में अवश्य हुई है। फुटबाल की शुरुआत करने वाले देश का नाम है रूस। फुटबाल रूस का राष्ट्रीय खेल है।
देश-विदेश में फुटबाल की प्रतियोगितांए होती हैं। एशियाई, राष्ट्रमंडल तथा ओलंपिक खेलों में फुटबाल प्रतियोगिताएं रखी गई हैं। यह तरह-तरह के नामों से जाना जाता है।
जिस तरह से अन्य खेलों में खिलाडिय़ों के लिए यूनीफॉर्म की व्यवस्था की गई, उसी तरह से फुटबॉल के खिलाडिय़ों की यूनिफॉर्म होती है। जर्सी या कमीज, छोटी नेकर, लंबी जुराबें और बूट। इस खेल में 45-45 मिनट के दो राउंड होते हैं। गोल रक्षकों का पहनावा खिलाडिय़ों के पहनावे अलग होता है, ताकि उसे आसानी से पहचाना जा सके।
खेल आरंभ के लिए मैदान के भाग और प्रथम किक का निर्णय सिक्का उछालकर किया जाता है। किसी को धक्का देना, पैर अटकाना या दूसरे दल के खिलाड़ी पर उछलना गलत खेल माना जाता है। रेखा पर खड़े दो व्यक्ति देखते हैं कि गेंद कब बाहर जाती है। उन्हें लाइनमैन कहा जाता है। जब गेंद गोल रेखा से पार चली जाए या रेखा पर रुक जाए अथवा निर्णायक सीटी बजा दे तो खेल बंद समझा जाता है।
स्कूप, पेनल्टी, किक, थ्रो-इन, ऑफ साइड, टच डाउन, स्ट्रापर, ड्रॉपकिक ये फुटबाल खेल की शब्दावलियां हैं। इन्हें फुटबाल खेल का जानकार ही समझ सकता है।
फुटबाल के कुछ प्रसिद्ध खिलाडिय़ों के नाम हैं-बाइचिंग भूटिया, पी.के. बैनर्जी, चुन्नी गोस्वामी, अरुण घोष, मेवालाल, मनजीत सिंह, चंदन सिंह, इंदर सिंह, जरनैल सिंह, श्याम थापा, प्रशांत बैनर्जी, शाबिर अली, पेले आदि।