मेरे प्रिय मित्र और उसके कुछ ऐसे गुंजन का मेरे जीवन पर प्रभाव पड़ा है शब्द सीमा 250 शब्द
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Explanation:
प्रस्तावना
हम सब के वैसे तो कई मित्र होते हैं, लेकिन एक सच्चे और अच्छे मित्र की जरूरत जीवन में सभी को होती है। कौनसा मित्र हमारा सच्चा मित्र है इसकी पहचान करना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन समय बीतने पर हमें खुद ही एहसास हो जाता है कि कौन हमारा हितकारी मित्र है।
कई बार बहुत से लोग चिकनी चुपड़ी बातें करके हमें बहका लेते हैं और हमें लगने लगता है कि ये हमारा प्रिय मित्र है। लेकिन ऐसे व्यक्ति कभी अच्छे मित्र नहीं बनते और काम निकल जाने पर वे हमसे दूरियां बना लेते हैं।
जबकि एक अच्छा मित्र कभी ऐसा नहीं करता है वो जरूरत पड़ने पर हमारी मदद करता है और हमें वास्तविकता से परिचित करवाता है।
मेरा प्रिय मित्र
मेरा प्रिय मित्र का नाम रवि है। वह मेरे साथ मेरे विद्यालय में पढ़ता है। मेरे कई मित्र हैं जो बचपन से मेरे साथ स्कूल में पढ़ते हैं, लेकिन उन सबसे मेरी मित्रता इतनी गहरी नहीं हो पाई जितनी की रवि से 3 वर्षों में हो गई है। इन तीन सालों में ऐसी कई घटनाएं घटित हुई जिनसे मुझे ये एहसास हुआ कि रवि ही मेरा सच्चा मित्र है।
मैं अपने आप को भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे इतना अच्छा मित्र मिला। उसमें वो सभी खूबियां हैं जो एक अच्छे मित्र में होनी चाहिए। हम दोनों एक दूसरे का हर अच्छी बुरी परिस्थितियों में साथ निभाते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी मित्रता आजीवन ऐसी ही रहेगी।
मेरे प्रिय मित्र की खूबियां
रवि एक मध्यम वर्गीय परिवार से सबंध रखता है, लेकिन उसका पूरा परिवार पढ़ा लिखा और संस्कारी है। वह मृदुभाषी है और बड़ों की इज्जत करता है। वो पढ़ाई में मुझसे बहुत अच्छा है और खेलों में भी रुचि लेता है।वह सभी से आत्मविश्वास के साथ बातें करता है और जल्द ही सबसे घुल मिल जाता है। जब हम दोनों साथ बैठकर बातें करते हैं तो हमें समय का पता ही नहीं चलता। उसे कहानियां और कविताएं लिखने का शौक है और मुझे पढ़ने का, इसलिए हमारी खूब जमती है।
वो जब भी कोई नई कहानी या कविता लिखता है तो सबसे पहले मुझे सुनाता है। उसने हमारे दोस्ती पर भी कई कविताएं लिखी हैं, जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद हैं। वो बहुत ही अच्छा इंसान है और सभी की सहायता करता है।
हमारे स्कूल में जब भी स्काउटिंग के टास्क दिए जाते हैं, या फिर समाज सेवा के कार्य करने के लिए कहा जाता है तो वही सबसे आगे होता है। वो सत्यवादी है और जितना मुझे पता है मैंने उसे कभी झूठ बोलते हुए नहीं देखा।
चाहे किसी को कटु ही क्यों ना लगे पर वो खुद अच्छा बनने के लिए झूठ का सहारा नहीं लेता है। एक सच्चे मित्र की यही तो पहचान होती है कि वो आपको सच का रास्ता दिखाता है।