Hindi, asked by prishasharma9422, 1 year ago

मेरी प्रिय पुस्तक (महाभारत) पर निबंध | Write an Essay on My Favourite Book– Mahabharat in Hindi


shashank612: thanks
shashank612: so much

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Answered by AbsorbingMan
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                                  मेरी प्रिय पुस्तक (महाभारत)

पुस्तकें पढ़ना मुझे पसंद है खास तोर पर महाकाव्य ।मेरा पसंदीदा महाकाव्य है महाभारत ।महाभारत का भारतीय साहित्य क्षेत्र में विशेष स्थान है ।महाभारत वेद व्यास द्वारा लिखे गए थे।इस का मूल ग्रंथ संस्कृत में सुरक्षित है । महाभारत का विकास तीन चरणों हुआ । प्रथम अवस्था में इसका नाम ‘जय’ था और इसमें आठ हजार आठ सौ श्लोक थे । दूसरी अवस्था में श्लोकों की संख्या एक लाख हो गई और वह ‘महाभारत’ नाम से प्रसिद्ध हुआ ।

यह कौरवों और पांडवों के बारे में एक कहानी है, वे दोनों सिंहासन के लिए लड़ते हैं। महाभारत पितृसत्ता तंत्र का पालन किया गया था। राजा की मृत्यु के बाद सिंहासन को उनके बेटे को दिया गया था, उन्हें सिंहासन पर दावा करने का कोई अधिकार नहीं था। दोनों के बीच कुरुक्षेत्र में एक महान युद्ध था और युद्ध पांडावों द्वारा जीता गया था।महाभारत अनेक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है । इसमें राजनैतिक कूटनीति, देश के आचार-विचार, तीर्थ, त्योहार, व्रत, पर्व, धर्म की चर्चा, स्त्रियों की दशा, समाज में उनका स्थान, विवाह, शिक्षा, त्याग, राजधर्म का उपदेश, मित्रता, शत्रुता आदि सभी का विशद वर्णन और विवेचन है ।

महाभारत में भारत की संस्कृति सुरक्षित है । यह भारतीयों की आचार संहिता है । कौरवों पांडवों के संघर्ष की कथा न होकर भारतीयों का धर्मशास्त्र है । जिसे पाँचवाँ वेद कहकर ऐसे सिंहासन पर बैठाया गया जहाँ आज तक कोई ग्रन्थ आरुढ़ नहीं हुआ ।जितनी बार इसे पढा जाए उतना ही नवीन लगता है । अनेक भाषाओं में इसका अनुवाद हो चुका है और हो रहा है । दूरदर्शन पर ‘महाभारत’ सीरियल दिखाया गया, जिसकी सर्वत्र प्रंशसा हुई । प्राचीन काल से आज तक यह अपनी श्रेष्ठता की कथा स्वयं कहता चलता है, इसलिए यह मेरा प्रिय पुस्तक है ।


Answered by mchatterjee
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आज तक मैंने अपने जीवनकाल में बहुत सारे पुस्तक को पढ़ा है जाना है समझा और हमेशा ने पुस्तकों के प्रति मेरा ध्यान आकृष्ट रहता है। मगर न जाने क्यों सारे ने पुस्तक आज भी मेरे मन में मेरे ह्रदय में महाभारत का स्थान नहीं प्राप्त कर सका क्योंकि महाभारत का एक एक शब्द एक एक पात्र मेरे प्रिय यह महाभारत जीवन‌ के यथार्थ को दर्शाता है।


महाभारत में हमें भीष्म पितामह के त्याग का दुर्योधन के दुशसाहस का खात्मा एवं द्रौपदी के संघर्ष की गाथा। हमारे परमेश्वर श्रीकृष्ण के छल का पाठ है जो बिना शस्त्र के पांडवों को युद्ध भूमि में केवल अपनी चतुराई से जितवा दिया।


बार-बार महाभारत को पढ़ने का मन करता है हर एक पात्र बनकर जीने का मन करता है।

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