मेरा प्रिय त्योहार Christmas essay in hindi
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महान संत ईसा का जन्म 2000 वर्ष पूर्व 25 दिसम्बर को जॉर्डन देश के येरुशलम नामक गाँव में हुआ था। ईसा मसीह को ईश्वर का पुत्र माना गया है उन्हीं की याद में ईसाई 25 दिसम्बर को क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं। क्रिसमस से पहले लोग अपने घरों की सफाई व पुताई करवा लेते हैं। फिर क्रिसमस के दिन लोग अपने घरों को बल्बों व फूलों से सजाते हैं। इसी प्रकार चर्च को भी सजाया जाता है तथा हर प्रकार की सजावट की जाती है।
घरों व चर्चे पर ईसा मसीह के जन्म के प्रतीक तारे लगाए जाते हैं। कुछ घरों में लोग क्रिसमस-वृक्ष भी सजाते हैं। जिसकी शाखाओं पर रंगीन बल्ब, फूल, टोफियाँ, खिलौने, चाकलेट इत्यादि लगी होती है और रात के समय घर का कोई बूढा व्यक्ति ‘सांताक्लॉज’ बनकर इन उपहारों को बाँटता है। जिससे बच्चे बहुत खुश होते हैं तथा नाच गाना करते हैं। इस दिन सब लोग चर्च भी जाते हैं तथा वहाँ पूजा करते हैं। व वहाँ केक व मिठाइयाँ खाते हैं। इसके बाद सब एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाइयाँ देते हैं।
क्रिसमस न केवल ईसाइयों का त्योहार है। बल्कि यह हमें ईसा मसीह के महान संदेश को याद करने की प्रेरणा भी देता है।