मेरा पिय ऋतु 100-200 word ?
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मेरा प्रिय ऋतु
मेरी प्रिय ऋतु 'शरद ऋतु' है। 'शरद' या 'शीत' ऋतु का आगमन वर्षा ऋतु के पश्चात् होता है। शीत ऋतु भारत की मुख्य ऋतुओं में से एक ऋतु है। शरद ऋतु नवंबर से लेकर फरवरी के बीच तक रहती हैं। शरद ऋतु अपने साथ त्यौहारों की बहार लेकर आती है। दीपावली, दशहरा, नवरात्र, दुर्गा पूजा, भईया दूज, क्रिसमिस आदि इस ऋतु में आने वाले प्रमुख भारतीय त्यौहार हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह ऋतु उत्तम होती है क्योंकि इस ऋतु में पाचन शक्ति मजबूत होती है।
शरद ऋतु में दिन छोटे व रातें बड़ी हो जाती हैं। शरद ऋतु के मध्य में पूरा भारत सर्दी के कारण ठिठुरने लगता है। लोग अपने-अपने घरों में ऊनी कपड़े व रजाई निकाल लेते हैं। अत्यधिक ठंड से व कोहरे से जन-जीवन अस्त-व्यस्त होने लगता है। सुबह सवेरे कोहरे का आंतक छाया रहता है। रेल यात्रा और हवाई यात्राएँ पर इसका खासा असर दिखाई पड़ता है। अत्यधिक ठंड कई लोगों की मृत्यु का कारण भी बन जाती है।
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मेरी प्रिय ऋतु है वर्षा ऋतु :- हमारे जीवन में सभी ऋतुओं का महत्व है लेकिन सबसे अधिक महत्व वर्षा ऋतु का है जिसके कारण पृथ्वी की संपूर्ण जीवन प्रणाली चलती है लेकिन कभी-कभी अत्यधिक वर्षा के कारण कुछ हानि भी हो जाती है लेकिन इसके महत्व के आगे यह नगण्य है | वर्षा हमारी धरती के लिए बहुत आवश्यक है इसलिए में इसके जल को सहेज कर रखना चाहिए और अधिक वर्षा हो इसलिए पेड़ पौधे लगाने चाहिए |
हमारा भारत देश बहुत सारी विभिन्नताओं वाला देश है इसलिए हमारे देश में ऋतुओं में भी विभिन्नता पाई जाती है | हमारे देश में कुल छ: ऋतुएँ ग्रीष्म, वर्षा, शीत ऋतु, हेमन्त, शिशिर और बसंत है जो कि हर दो महीने के अंतराल में बदल जाती है | ऋतुओं के नाम के हिसाब से पृथ्वी का वातावरण बदलता रहता है, इन्हीं में से एक वर्षा ऋतु है जोकि संपूर्ण पर्यावरण में जीवन रेखा का काम करती है | वर्षा ऋतु में बहुत तेज और अधिक बारिश होती है कई बार तो हफ्तों तक लगातार रिमझिम बारिश होती रहती है | वर्षा ऋतु में जुलाई में प्रारंभ होती है और अगस्त माह तक इसका पूरा जोर रहता है |
भारत में मुख्य रूप से वर्षा सावन और भादो माह में होती है यह वह समय होता है जब मानसून सबसे सक्रिय रूप में होता है | ग्रीष्म काल की झुलसाती हुई गर्मी से राहत बारिश के कारण ही मिलती है | गर्मियों के कारण भारत के प्रत्येक प्रांत का तापमान इतना अधिक बढ़ जाता है कि दिन में बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है | सभी नदी, नालों, तालाबों का पानी सूख जाता है जिसे जीव-जंतुओं का जीवन बहुत कठिन हो जाता है | लेकिन जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है |
वर्षा ऋतु का महत्व –
वर्षा ऋतु सभी ऋतु में सबसे अच्छे ऋतु मानी जाती है, जब धरती पर प्रचंड गर्मी के बाद मानसून की पहली बारिश होती है तो धरती से सोंधी सोंधी खुशबू आती है जिसके आगे दुनिया का सबसे खुशबूदार इत्र भी कम पड़ता है | हमारा भारत देश कृषि प्रधान देश है इसलिए यहां पर ज्यादातर खेती ही की जाती है और खेती के लिए पानी की आवश्यकता होती है, इस आवश्यकता को सावन और भादो माह में आने वाली बारिश ही करती है | किसानों के लिए तो यह अमृत के समान है क्योंकि उनकी फसल बारिश पर ही निर्भर करती है |
जब बारिश अच्छी होती है तो देश के हर जगह खेतों में फसल लहरा उठती है चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है ऐसा लगता है मानो धरती ने हरी चुनरी ओढ़ ली हो | बारिश के कारण सभी नदी नाले और तालाब पानी से भर जाते हैं जिसके कारण पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं को जल पीने को मिलता है | धरती का भू-जल स्तर भी बढ़ जाता है जिससे गर्मी का प्रकोप कम हो जाता है और चारों तरफ ठंडी ठंडी हवाएं चलती है | वर्षा के कारण फसल अच्छी होती है इसलिए सभी को खाने के लिए अनाज मिलता है साथ ही किसानों को इससे अच्छी पूंजी भी मिल जाती है |
वर्षा ऋतु के त्योहार :–
वर्षा ऋतु आने के बाद भारत देश में जैसे त्योहारों की झड़ी लग जाती है, भारत में वर्षा से वैसे ही सभी को खुशी मिलती हैं और पूरा वातावरण ठंडा और मनमोहक हो जाता है इन खुशियों में चार चांद लगाने के लिए भारत देश के लोग त्योहारों का आयोजन करते है | अगर ऐसा कहा जाए कि भारत में त्योहारों की शुरुआत वर्षा ऋतु से ही प्रारंभ होती है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि ज्यादातर त्यौहार वर्षा ऋतु के बाद ही आते है | वर्षा ऋतु के बाद प्रमुख रूप से मनाए जाने वाले त्योहार निम्न है – तीज, रक्षाबंधन, गणगौर, दिवाली इत्यादि है.
वर्षा ऋतु के लाभ :–
(1) किसानों को –किसानों के लिए तो वर्षा ऋतु किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि वर्षा ऋतु से पहले किसान अपने खेतों में निराई गुड़ाई और खाद डालकर फसल के लिए तैयार करते है. यह सब इतना आसान नहीं होता क्योंकि उस समय भयंकर गर्मी और लू चलती है | किसान प्रचंड गर्मी में दिन भर मेहनत करता है और फिर आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखता रहता है कि कब बादल आए और बारिश होगी | हमारे देश के ज्यादातर किसान मानसून आधारित बारिश पर ही अपनी फसल बोते है.इसलिए जब बारिश का मौसम आता है तो किसानों के मुंह की मुस्कान देखते ही बनती है उनके द्वारा लगाई गई फसल, फल, सब्जियां इत्यादि सभी भरपूर मात्रा में होती है.
(2) पर्यावरण – हमारी पृथ्वी की पर्यावरण के चक्कर को सुचारू रूप से चलाने के लिए वर्षा ऋतु का बहुत महत्व है | जब बारिश आती है तो जीव जंतुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था हो जाती है और इंसानों के लिए भी पानी और अन्य फसल की व्यवस्था हो जाती है | पृथ्वी का पर्यावरण में फिर से एक बार जान आ जाती है | इसलिए वर्षा ऋतु का हमारे पर्यावरण के लिए बहुत महत्व है |
(3) जीव – जंतुओं – भयंकर गर्मी के कारण सभी पेड़ पौधे और घास सूख जाती है साथ ही पानी के तालाब और नदियां सूख जाती हैं जिससे जीव जंतुओं को खाने के लिए कुछ नहीं मिलता और पीने के लिए पानी भी बहुत कम मिलता है | लेकिन जब वर्षा ऋतु आती है तब फिर से पानी और खाने की कमी दूर हो जाती है इसलिए वर्षा ऋतु जीव जंतुओं के लिए अमृत के समान कार्य करती है |
(4) भू-जल स्तर बढ़ना –
गर्मी और अत्यधिक तापमान के कारण पृथ्वी का जल वाष्प बनकर उड़ जाता है, और मानव द्वारा भूजल का अत्यधिक दोहन करने के कारण भू-जल स्तर कम हो जाता है जिसके कारण पृथ्वी गरम रहती है और हमें स्वस्थ जल पीने को भी नहीं मिलता है | जब वर्षा ऋतु आती है तब बारिश के कारण ही भू-जल स्तर बढ़ता है जिससे पृथ्वी के तापमान में भी कमी आती है और स्वच्छ जल भी हमें प्राप्त होता है.