मोर पर एक छोटी कहानी बनाओ
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लोमड़ी और मोर हिंदी कहानी
लोमड़ी और मोर हिंदी कहानी
लोमड़ी और मोर हिंदी कहानी एक बहुत ही मनोरंजक और प्रसिद्ध कहानी है। यह कहानी पंचतंत्र से ली गयी है। एक लोमड़ी जंगल में घूम रही थी। तभी उसने देखा कि एक पेड़ की ऊँची टहनी पर एक सुंदर-सा मोर बैठा है। लोमड़ी ने सोचा कि किस प्रकार इस मोर को अपना आहार बनाया जाए, वह जानती थी कि मोर को मारने के लिए वह पेड़ पर नहीं चढ़ सकती।
तब लोमड़ी ने अपनी चतुराई दिखाते हुए कहा, “तुम इस पेड़ पर क्यों बैठे हो? क्या तुम्हें पता नहीं कि आज हुई जानवरों की सभा में यह निर्णय हुआ है कि कोई भी जानवर या पक्षी किसी दूसरे को शिकार के लिए नहीं मारेगा। ‘बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है’ वाला नियम अब नहीं चलेगा। ”
लोमड़ी और मोर हिंदी कहानी
लोमड़ी और मोर हिंदी कहानी पंचतंत्र की एक प्रसिद्द कहानी है।
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एक बार एक लड़की थी उसे जानवरों से बेहद प्यार था और उसने बहुत से जानवर पाल रखे थे एक दिन वह एक दुकान पर गई और वहां उसने दो छोटे-छोटे एक मोरनी और एक मोड़ देखा तो उसने उन्हें खरीद लिया और जब उन्हें घर आए तो उसके घर वालों ने कहा कि यह क्या यह तो तुम तीतर के बच्चे ले आई हो क्यों क्योंकि क्योंकि वह मोर अलमारी के पीछे छुप जाते तो कभी कहीं और इसीलिए जब वह बड़े हुए तब मोर और मोरनी इकट्ठे रहते थे और मोरनी का नाम राधा तथा मोर का नाम नीलकंठ था अगर घर में कोई मेहमान आता तो नीलकंठ उनका बहुत अच्छे से स्वागत करता था उनके लिए अपने पंख फैलाकर नाचता था इसीलिए इसीलिए कोई विदेशी महिला है अगर उनके घर में आती तो उनका भी वह बहुत अच्छे से स्वागत करता और उनके सामने भी वह पंख फैलाकर नाचता इसीलिए विद विदेशी महिलाओं ने उसको परफेक्ट जेंटलमैन की उपाधि दी और मोर मोरनी कथा और सभी जानवर इकट्ठे रहते थे उनके लिए उस लड़की ने एक बड़ा सा पिंजरा बना रखा था वह पिंजरा बहुत सुंदर था तथा उसके अंदर का दृश्य भी बहुत सुंदर था एक दिन जब वह लड़की उसी दुकान के पास से जा रहे थे तो उसने देखा कि एक बच्चा मोरनी वहां दुकानदार के पास था के एक पैर में चोट आ गई थी इस कारण वह ठीक से चल भी नहीं पाती थी उस दुकानदार को वह बिल्कुल पसंद नहीं थी क्योंकि वह लंगडी थी इसीलिए उस दुकानदार ने सोचा कि वह उस मोरनी को जंगल में छोड़ देगा तभी उस लड़की ने आकर उससे कहा कि इस मोरनी को मैं खरीद लूंगी तो उस दिन वह उस मोरनी को अपने घर ले आए उसके एक पैर से विकलांग होने के कारण उस लड़की ने उसका नाम कुब्जा रख दिया कुंजा मोर और मोरनी के कथा रहने से बहुत चढ़ती थी इसीलिए वह दोनों को दूर रखने के लिए बहुत प्रयास किए एक बात जबराधा नामक मोरनी ने अंडे दिए तब कुब्जा ने उन्हें तोड़ दिया जिस कारण राधा बहुत उदास रहती थी कुब्जा मोरनी के कारण सभी जानवर उदास रहते तथा सभी जानवरों कोकुम जा एक दूसरे से दोस्ती नहीं करने देती थी