Hindi, asked by SanyaGirdhar6908, 1 year ago

मेरी परेशानियाँ और मेरे दुख ही ईश्वर का आधार क्यों हों?

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Answered by bhatiamona
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मेरी परेशानियाँ और मेरे दुख ही ईश्वर का आधार क्यों हों?

‘मेरा ईश्वर’ कविता में कवि लीलाधर जगूड़ी कहते हैं कि मेरी परेशानियों मेरे दुख ही ईश्वर का आधार क्यों हो अर्थात यदि मेरे पास कोई परेशानी है, या मेरे लिए कोई दुख है। तब ही मैं ईश्वर को अपनी बात करूं। मैं ईश्वर को अच्छी परिस्थितियों में सुख में क्यों नहीं याद कर सकता ईश्वर को याद करने का कारण दुख ही क्यों बने।

कवि का कहना है कि सुख और दुख तो जीवन में आते जाते रहते हैं। हमें चाहे जीवन जीना चाहिए और ईश्वर को सुख और दुख दोनों स्थितियों में समान भाव से याद करना चाहिए।

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