मेरा राजस्थान पर निबंध
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मेरा राजस्थान
राजस्थान का नाम सुनते ही मन मे अपार उत्साह भर जाता है राजस्थान की संस्कृति अनोखी ऒर ेऐतिहासिक संस्कृति के समान रंगीन हैं ।लोगो को अपने लोकनृत्यो पारंपरिक व्यंजनों राजमर्रा के जीवन मे संस्कृति का सार मिल जाता हैं ।राजस्थान अपनी शाही भव्यता ओर रॉयल्टी के लिए जाना जाता हैं।यह अपनी संस्क्रति परंपरा भव्य स्मरकी के साथ दुनिया भर के सैलानियों को ऊनी ओर आकर्षित करता हैं ।यहाँ की सभ्यता संस्कृति और मिट्टी की महक हर किसी को अपना बना लेती हैं।रेत के टीले ऊंटो की कतारें भव्य किले महल बरबस मन को मोह लेते हैओर एक रंगीन दुनिया की और सैर करवाते हैं।वास्तव में राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य हैं जिसमे हमे रेत के टीलों के अलावा बहुत कुछ नजर आता हैं।राजस्थान की धरती धन धान्य प्रकति सभी के उपहारों से बहुत समृद्ध हैं।
:यंहा का शिल्प बेजोड़ है। तालाबों ऒर झीलो की धरती।राजस्थान जिसने सदियों से इस देव भूमि की बर्बर आक्रांताओ से रक्षा की है।वीर सपूतों वीरांगनाओ की धरती हैं राजस्थान विशाल थार के रेगिस्तान ,लंबी अरावली पर्वत श्रृंखला, ऊंचे आबू पर्वत घने रणथंबोर के जंगल की धरती है राजस्थान ।प्राचीन राजस्थान ऐतिहासिक आधार पर चार भागों में विभाजित किया जा सकता हैं।इसमे मेवाड़ मारवाड़ी शेखावाटी तथा हाड़ौती शामिल हैं।: मेवाड़ की धरती जिसने कई वीर योद्धाओ को जन्म दिता।जिसने न सिर्फ राजस्थान का बल्कि पूरे भारत की सदियों तक अपनी वीरता तथा शौर्य से रक्षा की।राजस्थान की धरती पर बप्पा रावल राणा सांगा,महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धाओ ने जन्म लिया।रानी पद्मावती पन्ना धाय जैसी वीरांगनाओ ने अपने बलिदान से पूरे विश्व मे त्याग और बलिदान का वास्तविक परिचय दिया।
चेतक घोड़े ओर रामसिंह हाथी ने जानवर होने के बावजूद प्यार का जो प्रदर्शन किया वो बेजोड़ हौ भुसावर राज्य पर खिलजी तुगलक लोधी मुगलो ने इस राज्य पर कब्जा करने का प्रयास किया।पर यंहा की धरती ने वीर सपूतों को जन्म देने का कार्य जारी रखा।