मेरे संग की औरतें पाठ को पढ़कर किन्ही दो औरतों के व्यक्तित्व की विशेषताओं को आधार बनाकर अपनी दादी या नानी के व्यक्तित्व की विशेषताएं को आरक्षण आरक्षण रैली में लिखें
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मेरे संग की औरतें' पाठ का उद्देश्य वैचारिक विभिन्नता होते हुए भी पारस्परिक एकता है।
इस पाठ में महिलाओं का महत्व तथा पुरुषों के समान अधिकार वाले मूल्य उभरकर सामने आते हैं। इस पाठ में लेखिका की परदादी प्रगतिशील विचारों की प्रतीत होती हैं। उस दौर में जब पुरुष सत्ता प्रधान इस समाज में हमेशा पुत्र की कामना की जाती है। तब लेखिका की परदादी ने अपनी पतोहू (पोते की पत्नी) के लिये पुत्री की कामना की
मेरे संग की औरते' पाठ में संयुक्त परिवार की महत्ता और और उसके सांस्कृतिक मूल्य उभर कर सामने आते हैं। लेखिका स्वयं एक संयुक्त और बड़े परिवार में पली-बढ़ी। लेखिका के परिवार का माहौल भी प्रगतिशील था और सबको अपने ढंग से जीने का आजादी थी। किसी के निजी जीवन में कोई हस्तक्षेप नही थप्रस्तुत संस्मरण लेखिका मृदुला गर्ग द्वारा लिखा गया है। इसमें लेखिका ने अपने परिवार की औरतों के व्यक्तित्व और स्वभाव पर प्रकाश डाला है। ... अत: लेखिका की माँ की शादी एक स्वतंत्रता सेनानी से हुई। वे अब खादी की साड़ी पहना करती थीं, जो उनके लिए असहनीय थी।