मेरे संग की औरतें पाठ में लेखिका के कितने बच्चे थे
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Answer:
लेखिका ने अपनी अन्य चारों बहनों मंजुला भगत, चित्रा, अचला और रेणु तथा अपने एकमात्र भाई राजीव का परिचय दिया है। मेरे संग की औरतें पाठ में लेखिका(मृदुला गर्ग) ने अपनी चौथे नम्बर की बहन रेणु के विषय में लिखा है कि वह जिद्दी या यों कहें कि स्वतंत्र विचारों वाली थी।
प्रश्न :
मेरे संग की औरतें पाठ में लेखिका के कितने भाई-बहन थे ?
उत्तर:
लेखिका मृदुला गर्ग के चार भाई-बहन थे | इस कहानी के आखिर में लेखिका ने लिखा है, “जगह-जगह पानी से लब-लब करते, सुनसान शहर में, निचाट अकेले, अपनी धुन में, मंजिल की तरफ चलते चले जाना। सच, अकेलेपन का मजा ही कुछ और है।“ मनुष्य एक सामाजिक प्राणि है और इसलिए अकेले नहीं रहता है। लेकिन कुछ व्यक्ति भीड़भाड़ के कोलाहल में इतना अकेलापन ढ़ूँढ़ लेते हैं कि अपने मन की कर सकें। लेखिका की बहन वही करती थीं, जो उन्हें सही लगता था। ऐसा करने में वे अन्य लोगों की बातों को भी अनसुनी कर जाती थीं। स्कूल की बस स्टॉप से उनका अकेले पैदल आना या फिर बारिश के बाद पैदल ही स्कूल चले जाना; इसका उदाहरण है। वह एक ऐसी महिला हैं जो स्वयं पर यकीन रखती हैं। लेखिका ने शादी के बाद अपना सरनेम बदल दिया और ऐसा करने में उन्हें तनिक भी परेशानी नहीं हुई। शादी के बाद उनके पति के साथ संबंध ताउम्र चला क्योंकि उन्हें लगता था कि पति बदलने से कुछ भी नहीं बदलता। उन्हें लगता था कि मनुष्य को इन सबसे ऊपर उठकर सोचना चाहिए और अपनी पसंद के काम पर ध्यान लगाना चाहिए।
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