मीरा साधु साधु संतों के साथ भजन नहीं करती थी
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मान्यता है कि मीरा पूर्व-जन्म में वृंदावन की एक गोपी थीं और उन दिनों वह राधा की सहेली थीं। वे मन ही मन भगवान श्रीकृष्ण से प्रेम करती थीं। गोप से विवाह होने के बाद भी उनका लगाव श्रीकृष्ण के प्रति कम न हुआ और कृष्ण से मिलने की तड़प में ही उन्होंने प्राण त्याग दिए। बाद में उसी गोपी ने मीरा के रूप में जन्म लिया।
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Answer:
मीरा कृष्ण की लीलाओं का गुणगान वृन्दावन की कुँज गलियों में करना चाहती हैं।
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