“मेरे स्वराज्य का ध्येय अपनी सभ्यता को अक्षुण्य बनाए रखना है। मैं बहुत-सी नई बातों को लेना चाहता हू।पर उन सबको भारतीयता का जामा पहनाना होगा। भारत ने पुर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त कर ली है। ऐसा तभी कहा
जा सकता है, जब जनता यह अनुभव करने लगेगी की उसे अपनी उन्त्नती करने तथा रास्ते पर चलने की
आजादी है।”
प्रश्न-
(i) पंक्ततयों का उपयुतत शीर्णक दीजिए।
(ii) स्वराज्य का ध्येय क्या है?
(iii) ‘पुर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त कर ली है’, ऐसा कब कहा जा सके गा?
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