मेरे सहयात्री संस्मरण में अमृतलाल वेगड़ ने किन-किन सा यात्रियों का उल्लेख किया है स्पष्ट लिखिए
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¿ मेरे सहयात्री संस्मरण में अमृतलाल वेगड़ ने किन-किन सuयात्रियों का उल्लेख किया है स्पष्ट लिखिए
➲ मेरे सहयात्री यात्रा वृतांत में लेखक अमृतलाल वेगड़ ने जिन सहयात्रियों का उल्लेख किया है। उनमें लेखक की पत्नी कांता, लेखक के पुत्र का सहपाठी अशोक तिवारी, मुंबई से आए 4 लोग 64 वर्ष के रमेश शाह, 64 वर्ष की हंसा, 36 वर्ष के उनके पुत्र संजय तथा 56 वर्ष के उनके मित्र गार्गी देसाई थे। इसके अलावा दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल से डॉक्टर अखिल मिश्रा, अरविंद गुरु तथा उनकी पत्नी मंजरी भी आए थे। इसके अतिरिक्त फगनू, घनश्याम और गरीबा नामक तीन लोग लेखक के सहायक के रूप में लेखक के सहयात्री बने।
✎... ‘मेरे यात्री’ यात्रा वृतांत अमृतलाल वेंगड़ द्वारा लिखा गया यात्रा वृतांत है। अमृतलाल वेंगड़ हिंदी और गुजराती भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। वह लेखक, कवि, चित्रकार रहे हैं। इसके अतिरिक्त वे एक पर्यावरण संरक्षक भी थे और उन्होंने नर्मदा नदी के अंचल में फैली असीमित जैव विविधता से दुनिया को परिचित करवाया। इसके लिए उन्होंने अनेक कृतियों की रचना की, जिसमें ‘नर्मदा की परिक्रमा’, ‘तीरे-तीरे नर्मदा’, ‘सौंदर्य की देवी नर्मदा’, ‘नर्मदा तुम कितनी सुंदर हो’, ‘अमृतस्य नर्मदा’, ‘मेरे सहयात्री’ आदि प्रमुख हैं।
‘मेरे सहयात्री’ यात्रा वृतांत भी उन्होंने नर्मदा की अपनी यात्रा के विषय में लिखा था और इस यात्रा वृतांत में उन्होंने नर्मदा के सौंदर्य और उसकी परिक्रमा का अभूतपूर्व वर्णन किया है। इस यात्रा वृतांत में उन्होंने अपनी प्रिय नदी नर्मदा की परिक्रमा का सजीव चित्रण किया है। उन्होंने किसी वृद्ध व्यक्ति की साहसिक यात्रा का वर्णन पढ़ा था। इस बात से प्रेरणा लेकर उन्होंने भी नर्मदा नदी की परिक्रमा करने का निश्चय किया और अपने इस संकल्प को उन्होंने सफलतापूर्वक पूरा किया। उन्होंने अपनी पहली नर्मदा यात्रा के 25 वर्ष पूरे करने व अपने जीवन के प्रति वर्ष 75 में वर्ष की पूर्णता पर उन्होंने अपनी इस संपूर्ण यात्रा का वर्णन इस यात्रा वृतांत के माध्यम से किया है।
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