मेरे सपनो का भारत विषय पर अपने विचार लीखीये
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मैं ऐसे भारत का सपना देखता हूं जहां हर नागरिक शिक्षित होगा और हर किसी को योग्य रोजगार के मौके मिल सकेंगे। शिक्षित और प्रतिभाशाली व्यक्तियों से भरे राष्ट्र के विकास को कोई रोक नहीं सकता। मेरे सपनों का भारत एक ऐसा भारत होगा जहां लोगों को उनकी जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।
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मेरे सपनों का भारत एक ऐसा देश होगा जहां समानता की स्वतंत्रता अपने वास्तविक अर्थों में मिली है। यह ऐसी जगह होगी जहां किसी व्यक्ति की जाति, पंथ, धर्म, सामाजिक या आर्थिक स्थिति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता हो। मैं इसे एक ऐसे स्थान के रूप में भी देखता हूं जिसने औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्रों में तेज़ी से विकास को देखा हो। यहां कुछ ऐसे क्षेत्रों में विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है:
महिला सशक्तिकरण
आज के समय में अधिक से अधिक महिलाएं अपने घरों से बाहर निकल रही हैं और अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी एक पहचान बना रही हैं लेकिन फिर भी हमारे देश की महिलाएं आज भी काफ़ी भेदभाव का शिकार होती है। स्त्री भ्रूणहत से लेकर महिलाओं को घरेलू कार्यों में सीमित करने तक अभी बहुत सारे क्षेत्रों में काम करने की आवश्यकता है। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई गैर-लाभकारी संगठन आगे आए हैं। हालांकि हमें समाज की मानसिकता को बदलने पर बहुत काम करना है। मैं ऐसे भारत का सपना देखता हूं जहाँ महिलाओं को बराबरी का दर्जा प्राप्त होगा।
शिक्षा
हालांकि भारत सरकार शिक्षा की मांग के महत्व को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है पर अभी भी देश में बहुत से लोग इसके महत्व को महसूस नहीं कर रहे हैं। मेरे सपनों का भारत एक ऐसा स्थान होगा जहां शिक्षा सभी के लिए अनिवार्य हो। सबकी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को जरुरी कदम उठाने चाहिए ताकि देश में कोई भी बच्चा शिक्षा से रहित नहीं ना रहे।
रोजगार के अवसर
देश के कई योग्य युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे है। अवसर या तो सीमित होते हैं या योग्य उम्मीदवारों की जरुरत के अनुपात में नहीं होते हैं। इसके पीछे मुख्य कारण कमजोर औद्योगिक वृद्धि है। इसके अलावा कुछ अन्य कारक हैं जैसे कि आरक्षण जो कि योग्य उम्मीदवारों को अच्छा अवसर प्राप्त करने से रोकते हैं। भारत में रोजगार के अवसरों को पाने में असफल रहने वाले कई युवा विदेशों में चले जाते हैं और अपने कुशल दिमाग का अन्य देशों के आर्थिक विकास के लिए काम करते हैं जबकि कुछ लोग सारी उम्र काम नहीं मिलने की वजह से बेरोजगार घूमते हैं।
जाति भेदभाव
देश अभी भी जाति, पंथ और धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्त नहीं है। यह देखना अत्यंत दुखदायी है कि अभी भी कैसे देश के कुछ हिस्सों में कमजोर वर्गों के लोग अपने मूल अधिकारों से वंचित रह रहे हैं।
इसके अलावा कई विभिन्न कट्टरपंथी और अलगाववादी समूह है जो लोगों को अपने धर्म का प्रचार करने और दूसरों के धर्म बारे में गलत बात का प्रचार करने के लिए उकसातें हैं। इससे देश में अक्सर अशांति फैलती है। मैं ऐसे भारत का सपना देखता हूँ जहां लोगों से जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता हो।
भ्रष्टाचार
भारत के विकास की गति में मुख्य अवरोध भ्रष्टाचार है। ऐसा लगता है कि देश की सेवा करने के बजाय यहां के राजनीतिक नेता अपनी जेब भरने में व्यस्त हैं। मेरे सपनों का भारत वह होगा जहां के मंत्री पूरी तरह से देश और उसके नागरिकों के विकास के लिए समर्पित रहे।
निष्कर्ष
मेरे सपनों का भारत एक ऐसा देश होगा जो अपने सभी नागरिकों को समान मानता हो और किसी भी मापदंड के आधार पर उनसे भेदभाव नहीं करता हो। मैं एक ऐसी जगह का सपना देखता हूँ जहां महिलाओं का सम्मान किया जाता है और उन्हें पुरुषों के समान देखा जाता हो। मैं चाहता हूं कि आने वाले समय में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र में भारत प्रगति करे।
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