Hindi, asked by Anonymous, 9 months ago


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मार्शल तथा बिन्स को परिभाषाओं में अन्तर
आर्थिक क्रिया
आर्थिक क्रिया का अध्ययन
समष्टि अर्थशास्त्र
अर्थशास्त्र के अध्ययन का महत्व या लाभ
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Answers

Answered by ItzMADARA
9

मार्शल तथा रॉबिन्स की परिभाषाओं में अंतर

प्रो. मार्शल का मत :

1. प्रो. मार्शल ने अर्थशास्त्र का प्रतिपादन सरल भाषा में किया है।

2. प्रो. मार्शल के अनुसार अर्थशास्त्र में मानव की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। वे क्रियाएं जिनको धन से संबंध नहीं है, अर्थशास्त्र के विषय-क्षेत्र में नहीं आती हैं।

3. अर्थशास्त्र का प्रमुख उद्देश्य मानव कल्याण व उसमें वृद्धि करना है। मार्शल के अनुसार आर्थिक क्रियाएं सुख प्राप्ति हेतु की जाती हैं।

4. प्रो. मार्शल के अनुसार अर्थशास्त्र विज्ञान एवं कला दोनों ही है, क्योंकि अर्थशास्त्र उचित-अनुचित का। अध्ययन कराकर हमारा मार्गदर्शन करता है।

5. जब तक किसी व्यक्तिगत आर्थिक क्रिया का सामाजिक संबंध न हो वह अर्थशास्त्र का विषय नहीं बन सकती, क्योंकि अर्थशास्त्र मनुष्य के सामूहिक आर्थिक कार्यों का अध्ययन करता है।

6. प्रो. मार्शन ने बताया है कि भौतिक कल्याण की प्राप्ति हेतु अर्थशास्त्र में केवल भौतिक वस्तुओं का ही अध्ययन किया जाता है ।

7. प्रो. मार्शल ने अपनी परिभाषा में मानवं कल्याण में वृद्धि तथा सुख प्राप्ति पर विशेष बल दिया है।

8. प्रो. मार्शल की परिभाषा के अनुसार अर्थशास्त्र का क्षेत्र सामाजिक मनुष्य की आर्थिक क्रियाओं तक ही सीमित

प्रो. रॉबिन्स का मत :

1. प्रो. रॉबिन्स की परिभाषा में क्लिष्टता पायी जाती है, जो जनसाधारण की समझ के परे है।

2. प्रो. रॉबिन्स मानव क्रियाओं के आर्थिक तथा अनार्थिक भेद को स्वीकार नहीं करते उनके अनुसार मानव की सभी क्रियाओं का अध्ययन अर्थशास्त्र का विषय है, क्योंकि उनका आर्थिक पहलू है।

3. रॉबिन्स इसके प्रति तटस्थ हैं। उनके मत से अर्थशास्त्र का सुख-दुख से कोई भी सरोकार नहीं है।

4. प्रो. रॉबिन्स अर्थशास्त्र को वास्तविक विज्ञान ही मानते हैं। उनके अनुसार अर्थशास्त्र वस्तु स्थति को ही दिग्दर्शन करता है, मार्गदर्शन उसका कार्य नहीं।

5. प्रो. रॉबिन्स के अनुसार व्यक्तिगत क्रिया भी अर्थशास्त्र का विषय बन जाती है क्योंकि व्यक्ति के साधन सीमित होते हैं।

6. प्रो.रॉबिन्स के विचार में अर्थशास्त्र में भौतिक और अभौतिक दोनों ही प्रकार की वस्तुओं का अध्ययन होता है।

7. प्रो. रॉबिन्स भौतिक कल्याण को छोड़कर दुर्लभ तथा सीमित साधनों पर बल देते हैं।

आर्थिक क्रिया

आमतौर पर आर्थिक क्रियाएँ धन अर्जित करने के उद्देश्यों से की जाती है। साधरणतया लोग इस तरह की क्रियाओं में नियमित रूप में संलग्न होते हैं, जिसे आर्थिक क्रिया कहा जाता है। व्यवसाय : व्यवसाय का अर्थ है एक ऐसा धंधा, जिसमें धन के बदले वस्तुओं अथवा सेवाओं का उत्पादन, विक्रय और विनिमय होता है।

आर्थिक क्रिया का अध्ययन

समष्टि अर्थशास्त्र

समष्टि अर्थशास्त्र (मैक्रो इकनॉमिक्स) आर्थिक विश्लेषण की वह शाखा है जिसमें समुच्चय का विश्लेषण सम्पूर्ण अर्थशास्त्र के सन्दर्भ में किया जाता है। समष्टि अर्थशास्त्र में समस्त आर्थिक क्रियाओं का संपूर्ण रूप से अध्ययन किया जाता है। राष्ट्रीय आय, उत्पादन, रोजगार/बेरोजगारी , व्यापार चक्र, सामान्य कीमत स्तर, मुद्रा संकुचन, आर्थिक विकास, अंतरराष्ट्रीय व्यापार, आदि इसकी आर्थिक क्रियाएँ हैं जिनका विश्लेषण इसके अंतर्गत किया जाता है।

समष्टि अर्थशास्त्र, विश्लेषण प्रकृति में योगात्मक है। यह एक व्यक्तिगत इकाई के रूप में राष्ट्र के व्यवहार का अध्ययन करता है। सबसे महत्वपूर्ण मैक्रोइकॉनॉमिक्स चर हैं राष्ट्रीय आय, राष्ट्रीय निवेशमुद्रा की क्रय शक्ति में बदल, मुद्रास्फीति और संकुचन, अर्थव्यवस्था में रोजगार का स्तर, बजटीय सरकार की नीति और देश के भुगतान संतुलन और विदेशी मुद्रा। मैक्रोइकॉनॉमिक्स अर्थव्यवस्था एक पूरे रूप में संचालन का विश्लेषण करती है। यह अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन में सुधार करने के लिए नीतियों की सिफारिश करती है।

अर्थशास्त्र के अध्ययन का महत्व या लाभ

अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। अर्थशास्त्र का प्रयोग यह समझने के लिये भी किया जाता है कि अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है।

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Answered by bhanuprakashreddy23
2

Answer:

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Explanation:

अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'। किसी विषय के संबंध में मनुष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मनुष्यों के अर्थसंबंधी कार्यों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है।

अर्थशास्त्र का प्रयोग यह समझने के लिये भी किया जाता है कि अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है। अर्थशास्त्रीय विवेचना का प्रयोग समाज से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे:- अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीति, धर्म, सामाजिक संस्थान और युद्ध इत्यदि।

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