Hindi, asked by harshnaveen3248, 9 days ago

मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोईजाके सिर मोर मुकट, मेरो पति सोईछाँड़ि दई कुल की कानि, कहा करिहै कोई ?संतन ढिग बैठि-बैठि, लोक लाज खोई ।अँसुवन जल सींचि-सींचि प्रेम बेलि बोई।अब तो बेल फैल गई आणंद फल होई ।।दूध की मथनियाँ​

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Answered by sha470177
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Answer:

it's Giridhar nagar poem

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