मूर्तिकला सीखने के बारे मे अलका और आभा के बीच हुई बातचित को संवाद के रूप में लिखिए।
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Murti Kala Hum Ganpati Ji ki Murti Bana Ke Darshan kar sakte hain. Kahin Toh Ke Baad Jab Ek Murti banti hai tab Man ko ek Khushali paati hai .. Har Kaam Aasan Nahi Hota Waise Hi Murti Kala seekhne ke liye alag alag technique seekh na padta hai... Jaise kuch Mitti Se Murti acche se nahi Banti Kuch Alag Alag cheezo ko Mila Ke Hum mausi ko bacha bana sakte hai kuch Kala Sab Mein hote hai . Parishram Karke Hum Apna safalta par sakte hain isliye Yahan kaha hai ki Murti Kala seekhne ke liye Parishram karna avashyakta hai...
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Given that,
अलका और आभा के बीच हुई बातचित
अलका और आभा के बीच हुई बातचित को संवाद के रूप में लिखते है
अलका : क्या तुम्हे कुछ पता है ?
आभा : क्या ?
अलका : विद्यालय में मूर्तिकला सिखाई जाएगी।
आभा : नही तो
आभा :अच्छा! कब से ?
अलका : कल से सिखाई जाएगी।
हमें तो मूर्तिकला के लिए सामान लाने के लिए भी कहा गया है।
आभा : अच्छा! अब तो तुम मूर्तिकला सीख जाओगी।
आभा : फिर मुझे भी सिखा देना।
अलका : हाँ बिल्कुल क्यों नहीं।
आभा : मैं भी तुम्हारे साथ मूर्ति बनाउंगी।
अलका : हाँ हम मिलकर मूर्ति बनाएंगे।
आभा : हाँ, हम गणेश की मूर्ति सबसे पहले बनाएंगे।
इसलिए, यह आवश्यक उत्तर है।
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