मूर्ति पूजा से मुलशंकर की आस्था कयो समाप्त हुई
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Gupta Ji mujhe kuchh bhi pata nahin hai aisa jyada dimag mat lagaiye aur khud ke unse boliye
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शिवभक्त पिता के कहने पर मूलशंकर ने भी एक बार शिवरात्रि का व्रत रखा था. लेकिन जब उन्होंने देखा कि एक चुहिया शिवलिंग पर चढ़कर नैवेद्य खा रही है, तो उन्हें आश्चर्य हुआ और धक्का भी लगा. उसी क्षण से उनका मूर्तिपूजा पर से विश्वास उठ गया.30-Oct-2017
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