History, asked by yadavarun4490, 8 months ago

मूर्तियों
का अर्थ समझने के लिए इतिहासकारों को उनके पिछले की कहानी से परिचित होना पड़ा ई पूर्व 600 सै ईसा 600 तक बौद्ध और हिंदू कार से उदाहरण देकर इस कथन की पुष्टि कीजिए​

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Answered by Anonymous
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Answer:

ʜᴇʏ ᴍᴀᴛᴇ ᴜʀ ᴀɴꜱ ɪꜱ ʜᴇʀᴇ

Explanation:

भारत में पाई गई प्राचीनतम ऐतिहासिक मूर्ति चौथी-तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य काल की है । इसकी सुस्पष्ट व विशाल शैली की यथार्थता में अखमानी फारस से खुलकर विदेशी तत्व लिए गए थे । महान बौद्ध सम्राट ने बलुआ पत्थर के एकाश्मिक स्तंभ खड़े करवाए । 30 से 40 फीट ऊँचे इन स्तंभों के शीर्ष वृषभ, सिंह व हाथी बने हुए थे तथा स्तंभ पर सदाचार, मानवता व पवित्रता के बौद्ध उपदेश अंकित किए गए थे । सम्राट अशोक चाहते थे कि उनकी प्रजा इन उपदेशों का अनुसरण करे । बिहार के लौरिया नंदनगढ़, सांची और सारनाथ में अशोक के प्रसिद्ध स्‍तंभ पाए गए हैं ।

इनमें सबसे असाधारण है सारनाथ में पाया गया, पॉलिश किया गया एकाश्मिक शीर्ष जो कि अब भारत सरकार का चिह्न है । इसमें चार दहाड़ते हुए सिंहों को चार प्रमुख दिशाओं की ओर मुँह किए हुए और एक दूसरे की ओर पीठ किए हुए दिखाया गया है । गोलाकार शीर्षफलक को चार धर्मचक्रों से अलंकृत किया गया है जिनके बीच में बारी-बारी से एक हाथी, एक वृषभ, एक घोड़े और एक सिंह को अत्यंत कुशलता से उत्कीर्ण किया गया है । शीर्षफलक का आधार घंटी के आकार का है जिसमें धर्मचक्र के साथ एक कमल है जो संभवत: मानव बल के आगे सच्चाई की जीत का प्रतीक है । आकृतियों की बेहतरीन बनावट यथार्थवादी और विशिष्ट होने के अलावा इनमें शक्ति और गरिमा भी निहित है जो कि मौर्य कला के अभिजात और अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप पर प्रकाश डालती है ।

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