मेरे देश के नाम पर खत-इस विषय पर निबंध
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इस सृष्टि की रचना परमात्मा ने की, ऐसा ऋषि लोग मानते हैं । भारतवर्ष सृष्टि के लिए सर्वोत्तम लगा हो, तभी तो देवता भी इस भूमि पर जन्म लेने के लिए तरसते थे ।
परशुराम, राम, कृष्ण, महात्मा बुद्ध इसी भारत में अवतरित हुए । शकुन्तला पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम ‘भारतवर्ष’ पड़ा । हिन्दुओं के कारण ‘हिन्दुस्तान’ और अंग्रेजों के शासनकाल में यह ‘इंण्डिया’ नाम से प्रसिद्ध रहा । वर्तमान समय में ‘भारत’ के नाम से विश्व मानचित्र में चमक रहा है ।
संस्कृत साहित्य के अध्ययन से ज्ञात होता है कि जब संसार अज्ञान के अन्धकार में था, तब भारत में वेदों का उदय हो चुका था । विज्ञान, गणित, राजनीति, ज्योतिष, अर्थशास्त्र और आयुर्वेद आदि के उच्च कोटि के विद्वान भारत में ही हुए । भारत वेद, गीता, उपनिषद्, दर्शन आदि के माध्यम से आध्यात्मिक उपदेश देकर जगद् गुरू के रूप में सम्मानित हुआ ।
चीन के पश्चात् भारत सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है । हिन्दू बहुल राष्ट्र होने पर भी यहाँ सर्व-धर्म समभाव है । हिन्दू , मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी आपस में प्रेम से रहते हैं । सभी को धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार है । यहाँ पर अनेक प्रकार के जातियाँ होने के कारण यहाँ अनेक भाषाएं बोली जाती हैं । लेकिन राष्ट्रभाषा हिन्दी है ।
यहाँ अनेक प्रकार के रीति रिवाज और वेश-भूषा है । सत्य हरिश्चन्द्र, महाराज शिवि, पुरू, युधिष्ठिर जैसे सत्यवादियों ने इस धरती को पवित्र किया । चाणक्य जैसा राजनीतिज्ञ और विदुर जैसा नीतिवान् भी इसी भारत में हुए ।
इस धरती पर जहाँ ज्ञान के पुजारी वाल्मीकि, शंकराचार्य, व्यास, सूर, तुलसी, नानक, कबीर पैदा हुए वहीं आजादी के दीवाने भगत सिंह, विवेकानन्द, सुभाषचन्द्र बोस, महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरू जैसे नेता भी हुए । राजा राम मोहन राय ने सती प्रथा को समाप्त कर विधवाओं को जीने का अधिकार दिया ।
भारत में अयोध्या, काशी, कांची, मथुरा, उज्जैन जैसी मोक्षदायिनी पुरियाँ, गंगा, यमुना, सरस्वती जैसी पवित्र नदियाँ हैं, बर्फ की चोटियों से ढका हिमालय पर्वत, विश्व के सात आश्चर्यों में से एक आगरा का ताजमहल, लाल किला, अजन्ता एलोरा की गुफाएं, कुतुबमीनार, दस देश की स्थापत्य कला के सर्वोत्कृष्ट उदाहरण हैं । षड़ ऋतुओं वसन्त, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमन्त, शिशिर का संगम दो-दो महीने के अन्तराल पर आकर मानव को सुखी बनाता है ।
मेरा प्यारा भारत देश,
शत शत नमन
तुम कैसे हो ? क्या अपनीव्यथा बता सकते हो ?या अपनी खुशियाँ साझा कर सकते हो कहने की बात क्या है ,मैं जो अनुभव कर रहा हूँ जो समझ रहा हूँ वही तुम्हे लिख रहा हूँ Iदुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत के नाम पर ही तुम्हारा नाम भारत पड़ा Iकितने वर्ष तुमने गुलामी की जंजीर को बर्दाश्त किया कितने सपूत मातृभूमि के लिए शहीद हुए I एक से एक विद्वान् और एक से एक होनहार सभी लोग आजादी के लिए सबकुछ छोड़ कर इसी में कूद पड़े Iदेश की मिटटी से बढ़कर कोई धरोहर नहीं है I ये धरती हमें क्या क्या नहीं देती है I
अंग्रेजों ने जब इधर उधर की तो भगत जैसे जोशीले लड़के ने कौंसिल में बम फेका और कहा भी ,कि ये धमाका किसी को मारने के उद्देश्य से नहीं किया गया है बल्कि उनलोगों के लिए है जो भारतीय होकर भी अंग्रेजों के साथ सांठ गाँठ कर रहे हैं I राजगुरु चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, सुखदेव तीन तो इसमें हँसते हँसते फांसी पर चढ़ गए और आज़ाद गोली बारी में तब तक पेड़ के पीछे से गोलियां बरसाते रहे जब तक अपनी बलि नहीं चढ़ा दी I इसके अतिरिक्त कितने लोग शहीद हुए जलियावालाबाग में जो नरसंहार हुआ वो सारे तुम्हीं तो थे,अर्थात भारतीय थे Iआज भी वहां की दीवारों में जो खून लगा है वो चीख चीख कर बताता है ऐसा क्यूँ हुआ ! नरम दल के नेता गांधी,नेहरु और पटेल इत्यादि ने मिलकर बहुत कष्ट सहे और 1948 में तुम्हे आजादी दिलवाई Iसुभाष चन्द्र बोस जिन्होंने अज़ाद हिन्द फ़ौज का गठन किया था Iदिन रात एक करके वो आजादी लाने में लगे रहे लेकिन उनके रहते उनका सपना पूरा न हो पाया I
हे भारत ! आज की स्थति देखो जो आजादी इतनी मुश्किल से मिली थी वो घर के गद्दार ही उसके प्रति निष्ठां नहीं रख पा रहे हैं I
दिन-प्रतिदिन अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं I काश !कि एक बार शरीर धरकर तुम आते और सबों को कुछ नयी सीख दे जाते I
देश मेरा सबसे महान ,नाम है इसका हिन्दुस्तान I
दे देंगे इसके लिए प्राण हिन्दू हो या मुसलमान II