मेरा देश महान विषय पर निबंध लिखें।
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अनेकताओं में एकता का देश है भारत। देश का नाम भारत पड़ने पर वैसे तो कई मान्यतायें हैं लेकिन एक मुख्य मान्यता के अनुसार भारत देश का नाम राजा दुष्यंत के पुत्र भरत के नाम पर पड़ा था। भारत देश कोई नया देश नहीं है बल्कि यह इतना पुराना है कि हड़प्पा और मोहनजोदाड़ो जैसी प्राचीन सभ्यताओं की शुरूआत भी यहीं से हुई है। इसी कारण इसे विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं वाले देश में गिना जाता है। भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर जाति एवं धर्म के लोग रहते हैं।
अनेकताओं में एकता का देश है भारत। देश का नाम भारत पड़ने पर वैसे तो कई मान्यतायें हैं लेकिन एक मुख्य मान्यता के अनुसार भारत देश का नाम राजा दुष्यंत के पुत्र भरत के नाम पर पड़ा था। भारत देश कोई नया देश नहीं है बल्कि यह इतना पुराना है कि हड़प्पा और मोहनजोदाड़ो जैसी प्राचीन सभ्यताओं की शुरूआत भी यहीं से हुई है। इसी कारण इसे विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं वाले देश में गिना जाता है। भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर जाति एवं धर्म के लोग रहते हैं।यहाँ की संस्कृति एवं परम्पराएं पूरे विश्व में विख्यात हैं। विदेशी हमारी संस्कृति का बहुत सम्मान करते हैं और उसे देखने एवं समझने के लिए भारत आते हैं। भारत देश में सिर्फ देवी-देवताओं की ही नहीं अपितु पशु, पक्षी, पेड़-पौधों, नदियों, पर्वतों आदि की भी पूजा की जाती है यह माध्यम है यह समझाने का कि इन संसाधनों के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता एवं महान नहीं बन सकता।
अनेकताओं में एकता का देश है भारत। देश का नाम भारत पड़ने पर वैसे तो कई मान्यतायें हैं लेकिन एक मुख्य मान्यता के अनुसार भारत देश का नाम राजा दुष्यंत के पुत्र भरत के नाम पर पड़ा था। भारत देश कोई नया देश नहीं है बल्कि यह इतना पुराना है कि हड़प्पा और मोहनजोदाड़ो जैसी प्राचीन सभ्यताओं की शुरूआत भी यहीं से हुई है। इसी कारण इसे विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं वाले देश में गिना जाता है। भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर जाति एवं धर्म के लोग रहते हैं।यहाँ की संस्कृति एवं परम्पराएं पूरे विश्व में विख्यात हैं। विदेशी हमारी संस्कृति का बहुत सम्मान करते हैं और उसे देखने एवं समझने के लिए भारत आते हैं। भारत देश में सिर्फ देवी-देवताओं की ही नहीं अपितु पशु, पक्षी, पेड़-पौधों, नदियों, पर्वतों आदि की भी पूजा की जाती है यह माध्यम है यह समझाने का कि इन संसाधनों के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता एवं महान नहीं बन सकता।आज भारत की जनसंख्या 100 करोड़ से अधिक है। इस देश में 25 राज्य और 6 केन्द्र शासित क्षेत्र हैं। जहाँ कई धर्म और समाज के लोग भाईचारे के साथ रहते हैं। भारत देश की राष्ट्रीय भाषा हिन्दी है। यहाँ का राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम् है। भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर तथा राष्ट्रीय पश
अनेकताओं में एकता का देश है भारत। देश का नाम भारत पड़ने पर वैसे तो कई मान्यतायें हैं लेकिन एक मुख्य मान्यता के अनुसार भारत देश का नाम राजा दुष्यंत के पुत्र भरत के नाम पर पड़ा था। भारत देश कोई नया देश नहीं है बल्कि यह इतना पुराना है कि हड़प्पा और मोहनजोदाड़ो जैसी प्राचीन सभ्यताओं की शुरूआत भी यहीं से हुई है। इसी कारण इसे विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं वाले देश में गिना जाता है। भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर जाति एवं धर्म के लोग रहते हैं।यहाँ की संस्कृति एवं परम्पराएं पूरे विश्व में विख्यात हैं। विदेशी हमारी संस्कृति का बहुत सम्मान करते हैं और उसे देखने एवं समझने के लिए भारत आते हैं। भारत देश में सिर्फ देवी-देवताओं की ही नहीं अपितु पशु, पक्षी, पेड़-पौधों, नदियों, पर्वतों आदि की भी पूजा की जाती है यह माध्यम है यह समझाने का कि इन संसाधनों के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता एवं महान नहीं बन सकता।आज भारत की जनसंख्या 100 करोड़ से अधिक है। इस देश में 25 राज्य और 6 केन्द्र शासित क्षेत्र हैं। जहाँ कई धर्म और समाज के लोग भाईचारे के साथ रहते हैं। भारत देश की राष्ट्रीय भाषा हिन्दी है। यहाँ का राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम् है। भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर तथा राष्ट्रीय पशपूर्व समय में भारत को सोने की चिड़िया भी कहा जाता था और वह इसलिए कि यह देश विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर था। इसी कारण कई अन्य देश भारत आकर यहाँ से अपना व्यापार करते थे और वह भी तब जब व्यवस्थित मार्ग उपलब्ध नहीं थे। वे अपने साथ अपने देश की वस्तुएं लाकर यहाँ बेचते तथा यहाँ की वस्तुएं अपने देश लेकर जाते थे।
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