Math, asked by Anonymous, 2 months ago


मेरे दर्द को भी आह का हक़ हैं,

जैसे तेरे हुस्न को निगाह का हक़ है।

मुझे भी एक दिल दिया है भगवान ने,

मुझ नादान को भी एक गुनाह का हक़ हैं।।


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Answers

Answered by yana37
2

WAAH WAAH!!!

Mst shayri h ✌

Answered by kaurmantript36
5

Answer:

nice poetry !!!!!!!!!!

superb yaar

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