मेरे दर्द को भी आह का हक़ हैं,
जैसे तेरे हुस्न को निगाह का हक़ है।
मुझे भी एक दिल दिया है भगवान ने,
मुझ नादान को भी एक गुनाह का हक़ हैं।।
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WAAH WAAH!!!
Mst shayri h ✌
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nice poetry !!!!!!!!!!
superb yaar
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