मेरा विद्यार्थी जीवन पर निबंध कक्षा 5 का
निबंध बताइए
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किसी विद्यालय में पढ़ने वाले बालक अथवा बालिकाओं को विद्यार्थी कहते हैं | विद्यालय में बहुत सारे विद्यार्थी होते हैं जो एक दूसरे की हर काम में सहायता करते हैं | जब मैं विद्यालय में थी तो मेरे भी बहुत सारे मित्र थे जो हर एक काम में मेरी सहायता करते थे | मित्रों के साथ खेलने में बहुत आनंद आया करता था | विद्यार्थियों के साथ-साथ विद्यालय में बहुत सारे शिक्षक भी होते थे जो विद्यार्थियों को पढ़ने में सहायता करते थे |शिक्षक हमारे हर एक प्रश्न का उत्तर देते थे और इसीलिए हमें उनका सम्मान करना चाहिए | शिक्षक को भगवान की उपाधि दी जाती है | कहते हैं कि माता-पिता के बाद शिक्षक ही हमारे माता-पिता हैं | विद्यालय में विद्यार्थियों के खेलने के लिए जगह भी होती है जहां पर सभी बालक बालिकाएं एक साथ मिलकर आनंद से खेलते हैं , एक साथ बैठकर भोजन करते हैं | जब हम विद्यालय में पढ़ते होते हैं तो हमें उधर पढ़ने में आनंद नहीं आता है हम सोचते हैं कि हम शीघ्र अति शीघ्र यहां से निकल जाएं किंतु जब हम विद्यालय को छोड़कर अपने आगे की शिक्षा के लिए कहीं दूर जाते हैं तो हमें ज्ञात होता है कि विद्यालय में कितना आनंद आता था , विद्यालय का जीवन कितना उत्तम होता था , वहां के शिक्षक कितने अच्छे होते थे | तब उन्हें लगता है कि विद्यार्थी के रूप में उन्होंने अपने जीवन का सबसे उत्तम समय बिताया है | इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने विद्यार्थी जीवन का सदा स्मरण रखना चाहिए , क्योंकि यह हमारे जीवन की एक बहुत ही अनोखी स्मृति है |
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