मेरा विधालया में अनुच्छेद
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मेरा स्कूल पर अनुच्छेद | Paragraph on My School in Hindi
प्रस्तावना:
मैं डी.ए.वी. सीनियर सेकेण्डरी स्कूल में पढ़ता हूँ । यह सरकारी स्कूल स्कूल नहीं है । इसे सरकार से वित्तीय सहायता मिलती है ।
इसकी स्थिति और इमारत:
हमारा स्कूल खुले स्थान पर बना हुआ है । यह शहर की धल-धक्कड़, शोर और धुँए आदि से बहुत दूर स्थित है । इसकी इमारत बडी शानदार है । जिन कमरों में कक्षायें लगती है, उनके दोनो और बरामदे हैं । बरामदों के निकट छायादार वृक्ष हैं । इसके फलस्वरूप ग्रीष्म ऋतु की भीषण तपन, सर्दियों की कड़कड़ाती ठण्ड तथा वर्षा हमें अधिक नहीं सता पाती ।
उद्यान और घास के मैदान:
मुख्य प्रवेश-द्वार के निकट दो छोटे-छोटे उद्यान हैं, जिनमे घास के हरे-भरे मैदान, फूलों की क्यारिया, फलो के वृक्ष तथा सुन्दर फबारे हैं । गर्मियों की शाम के समय इन घास के मैदानो में बैठना बड़ा अच्छा लगता है । फूलों की सुगन्ध और सुन्दर तितलियों का इधर से उधर उड़ना देखकर हम खुशी से झूम उठते हैं ।
प्रयोगशालायें तथा पुस्तकालय:
हमारे स्कूल में विज्ञान की दो प्रयोगशालाये, एक बड़ा पुस्तकालय तथा एक वाचनालय है । पुस्तकालय में सभी विषयों की अनेक पुरतकें हैं । प्रत्येक विद्यार्थी पुस्तकालय से अपनी मन-परनन्द की पुस्तकें ले सकता है । इनके अलावा स्कूल में लगभग चालीस कमरे कक्षाओं के लिए, प्रिंसिपल का कार्यालय तथा क्लर्क का कार्यालय भी है ।
अध्यापक:
हमारे स्कूल में लगभग पचास अध्यापक हैं । वे सभी बड़े योग्य अध्यापक हैं । वे हमें बडी मेहनत और लगन से पढ़ाते हैं । वे हर संभव तरीके से विद्यार्थियों की मदद करते हैं । वे उनके सच्चे मित्र मार्गदर्शक हैं । हमारे स्कूल का परिणाम नगर के स्कूलों मे से ही वरन् समूवे जिले के स्कूलों से श्रेष्ठ रहता है । सभी अध्यापक बड़े दयालु हैं और विद्यार्थियो से पूरी सहानुभूति रखते हैं । वे हमारी पढ़ाई का पूरा-पूरा ध्यान रखते हैं । साथ ही वे हमारे स्वास्थ और चरित्र पर भी नजर रखते हैं ।
प्रिंसिपल:
हमारे रकूल के प्रिंसिपल बड़े योग्य और अनुभवी है । वे अनुशासन का विशेष ध्यान रखते हैं । वे ध्यान रखते हैं कि स्कूल का समूचा अहाता साफ और स्वच्छ रहे । वे बड़े चरित्रवान व्यक्ति हैं । सभी विद्यार्थी उनका बड़ा आदर करते हैं । वे स्वयं ठीक समय पर स्कूल आते है ।
इसलिए वे अपने अध्यापको और विद्यार्थियो से भी ऐसी ही आशा रखते हैं । वे अध्यापकों के लिए उतदर्श है । वे विद्यार्थियों को गंदे कपडों में स्कूल नहीं आने देते । स्कूल में प्रतिदिन प्रार्थना होती है और उसके बाद प्रिंसिपल साहब कुछ समय के लिए भाषण देते हैं, जो बड़ा प्रभावशाली होता है ।
वे कार्य करने मे यकीन करते हैं । वे व्यर्थ की गणबाजी पसन्द नहीं करते । वे स्कूल में हमें ईमानदारी और सच्चाई का पाठ पढ़ाते हैं और उद्यमशील होने पर जोर देते हैं । इसीलिए हमारे स्कूल के विद्यार्थी आज्ञाकारी, अनुशारानशील और मेहनती है ।
खेल-कूद और वाद-विवाद:
हमारे स्कूल की सबसे अच्छी बात यह है कि यहाँ खेल-कूद, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं तथा स्काउटिंग का बड़ा अच्छा प्रबन्ध है । प्रत्येक शनिवार को हर विद्यार्थी को किसी न किसी खेल-कूद में भाग लेना पड़ता है । मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि हमारे स्काउटों को प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया जाता है । स्कूल में एन.सी.सी. के दो यूनिट भी हैं । प्रति वर्ष साठ चुने हुए विद्यार्थियों को सैनिक प्रशिक्षण मिलता है ।
उपसंहार:
हमारा स्कूल सर्वोत्तम स्कूल है । स्कूल को अपने अनुशासित विद्यार्थियों पर तथा विद्यार्थियों को अपने स्कूल पर बड़ा गर्व है । मुझे अपना स्कूल बड़ा प्यारा लगता है
Answer:
मैं एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ । मेरे विद्यालय का नाम सरस्वती विद्या मंदिर है । इसकी गिनती शहर के प्रसिद्ध विद्यालयों में होती है । पढ़ाई, खेलकूद तथा अन्य गतिविधियां हमारे स्कूल का प्रमुख हिस्सा हैं ।
मेरे विद्यालय में लगभग 750 विद्यार्थी हैं । 30 से ज्यादा अध्यापक अध्यापिकाएं हैं । इनके अतिरिक्त 4 लिपिक और 2 चपरासी भी यंहा कार्यरत हैं । अध्यापक गण अनुभवी, विद्वान एवं परिश्रमी हैं । हमारे प्रधानाचार्य बहुत ही गुणी एवं अनुशासनप्रिय व्यक्ति हैं ।
विद्यार्थियों के साथ उनका व्यवहार बहुत ही मधुर है । समय-समय वे विद्यार्थियों को मार्गदर्शन भी देते रहते हैं । मेरे विद्यालय की इमारत पक्की है । इसमें 25 हवादार कमरे है । विद्यालय के एक कमरे में प्रधानाचार्य का कार्यालय भी है जो कि साफ-सुथरा और भलीभांति सजा हुआ है । कक्षाओं में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह आदि स्वतंत्रता सेनानियों के फोटो लगे हुए हैं ।
विद्यालय में एक पुस्तकालय भी है । जहां से सभी छात्रों को पुस्तकें पढ़ने के लिए उपलब्ध होती है । विद्यालय में प्रयोगिक कक्षाओं के लिए लैब भी बनी है । मेरे विद्यालय का परीक्षा परिणाम लगभग शत-प्रतिशत रहता है और कई छात्र मेरिट में भी स्थान पाते हैं ।
निर्धन छात्रों को प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति भी उपलब्ध कराई जाती है । छात्रों का प्रतिवर्ष सम्मान भी किया जाता है । बोर्ड की कक्षाओं में गणित और विज्ञान संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल देने की भी परंपरा है । मुझे अपने इस विद्यालय पर बहुत गर्व है ।