मेरा विध्यालय पर अनुच्छेद
Answers
→ मैं एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ । मेरे विद्यालय का नाम सरस्वती विद्या मंदिर है । इसकी गिनती शहर के प्रसिद्ध विद्यालयों में होती है । पढ़ाई, खेलकूद तथा अन्य गतिविधियां हमारे स्कूल का प्रमुख हिस्सा हैं ।
→ मेरे विद्यालय में लगभग 750 विद्यार्थी हैं । 30 से ज्यादा अध्यापक अध्यापिकाएं हैं । इनके अतिरिक्त 4 लिपिक और 2 चपरासी भी यंहा कार्यरत हैं । अध्यापक गण अनुभवी, विद्वान एवं परिश्रमी हैं । हमारे प्रधानाचार्य बहुत ही गुणी एवं अनुशासनप्रिय व्यक्ति हैं ।
Answer:
मेरे विद्यालय का नाम सरस्वती विद्या मंदिर है । इसकी गिनती शहर के प्रसिद्ध विद्यालयों में होती है । पढ़ाई, खेलकूद तथा अन्य गतिविधियां हमारे स्कूल का प्रमुख हिस्सा हैं ।
मेरे विद्यालय में लगभग 750 विद्यार्थी हैं । 30 से ज्यादा अध्यापक अध्यापिकाएं हैं । इनके अतिरिक्त 4 लिपिक और 2 चपरासी भी यंहा कार्यरत हैं । अध्यापक गण अनुभवी, विद्वान एवं परिश्रमी हैं । हमारे प्रधानाचार्य बहुत ही गुणी एवं अनुशासनप्रिय व्यक्ति हैं ।
विद्यार्थियों के साथ उनका व्यवहार बहुत ही मधुर है । समय-समय वे विद्यार्थियों को मार्गदर्शन भी देते रहते हैं । मेरे विद्यालय की इमारत पक्की है । इसमें 25 हवादार कमरे है । विद्यालय के एक कमरे में प्रधानाचार्य का कार्यालय भी है जो कि साफ-सुथरा और भलीभांति सजा हुआ है । कक्षाओं में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह आदि स्वतंत्रता सेनानियों के फोटो लगे हुए हैं ।
विद्यालय में एक पुस्तकालय भी है । जहां से सभी छात्रों को पुस्तकें पढ़ने के लिए उपलब्ध होती है । विद्यालय में प्रयोगिक कक्षाओं के लिए लैब भी बनी है । मेरे विद्यालय का परीक्षा परिणाम लगभग शत-प्रतिशत रहता है और कई छात्र मेरिट में भी स्थान पाते हैं ।
निर्धन छात्रों को प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति भी उपलब्ध कराई जाती है । छात्रों का प्रतिवर्ष सम्मान भी किया जाता है । बोर्ड की कक्षाओं में गणित और विज्ञान संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल देने की भी परंपरा है । मुझे अपने इस विद्यालय पर बहुत गर्व है ।