मुरली वाले मोहना, मुरली नेक बजाय। तेरी मुरली मन हरे, घर अँगना न सुहाय॥ What does it means? It is urgent!! rely urgent!! plzz plzz plzz I will give you 50 points..
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हेमचन्द्र के मतानुसार दोहा-छन्द के लक्षण हैं - समे द्वादश ओजे चतुर्दश दोहक: समपाद के अन्तिम स्थान पर स्थित लघु वर्ण को हेमचन्द्र गुरु-वर्ण का मापन देता है. 'अत्र समपादान्ते गुरुद्वयमित्याम्नाय:' यह सूत्र विषद किया है।
मम तावन्मतमेतदिह - किमपि यदस्ति तदस्तु रमणीभ्यो रमणीयतरमन्यत् किमपि न अस्तु
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इन पंक्तियों में कहा गया है कि हे मुरली वाले मोहना( मोहने वाला) तुमने कितनी अच्छी मुरली बजाई तेरी मुरली ने मेरा मन हर लिया अब इस मुरली के सिवाय घर आंगन कुछ भी मन को नहीं सुहाता (पसंद) आता है।
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