Hindi, asked by rashikabhargav, 11 months ago

मैं रति की प्रतिकृति लज्जा हूँ मैं शालीनता सिखाती हूँ। मतवाली सुंदरता पग में नूपुर सी लिपट मनाती हूँ। लाली बन सरल कपोलों में आँखों में अंजन सी लगती। कुंचित अलकों सी घुंघराली मन की मरोर बनकर जगती।

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Answered by mr0a
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Answered by amanbrar00956
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