मारवाड़ के इतिहास में राव चन्दसेन को समुचित महत्व क्यों नहीं मिल पाया?
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राव चन्द्रसेन (1562-1581) जोधपुर के राजा थे। वे अकबर के खिलाफ 20 साल तक लड़े। मारवाड़ के इतिहास में इस शासक को भूला-बिसरा राजा या मारवाड़ का प्रताप कहा जाता है, राव चन्द्रसेन को मेवाड़ के राणा प्रताप का अग्रगामी भी कहते हैं |
1562 ई. में राव मालदेव की मृत्यु के बाद इनके ज्येष्ठ पुत्र को राज्य से निष्कासित कर दिया तथा उदयसिहं (मोटा राजा) को पाटौदी का जागीरदार बना दिया, 1562 ई. में ही विधिवत् तरीके से राव चन्द्रसेन का राज्याभिषेक किया गया, राठौड़ वंश के अपने अपमान का बदला लेने के लिए मुगल सम्राट अकबर के शिविर में चला गया था |
राव चन्द्रसेन के लिए संकटकालिन राजधानी के रूप में सिवाणा ( [[मृत्यु के बाद मोटा राजा उदयसिंह शासक बना |
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