मैं सोचता हूं स्त्रियों के पास एक महान शक्ति सोई हुई पड़ी है दुनिया की आधी से बड़ी ताकत उनके पास है आधी इसलिए कहता हूं कि दुनिया में स्त्रियां आदि तो और हैं प्लीज आदि से बड़ी इसलिए भी बच्चे उनकी छाया में पढ़ते हैं और वे जैसा चाहे उन उन बच्चों को परिवर्तित कर सकती हैं पुरुषों के साथ कितनी ही ताकत हो लेकिन पूर्व से भी एक दिन स्त्री की गोद में होता है वही से अपनी यात्रा शुरू करता है एक बार स्त्री की पूरी शक्ति जागृत हो गई और वह निर्णय कर ले किसी प्रेम की दुनिया को निर्मित करेगी जहां युद्ध नहीं होंगे जहां हिंसा नहीं होगी जहां राजनीति नहीं होगी जहां राजनीति राजनीतिज्ञ नहीं होंगे और जहां जीवन में किसी भी तरह की बीमारियां नहीं होंगी तो संसार का कल्याण हो जाए जहां भी प्रेम है जहां भी करना है जहां भी दया है वहां मौजूद है इसलिए मैं कहता हूं कि स्त्री के पास आदि से बड़ी ताकत है और 5000 वर्षों से बिल्कुल सोई हुई तथा सुख पड़ी है नारी की शक्ति को कोई प्रयोग नहीं हो सका है भविष्य में उपयोग हो सकता है उपयोग होने का एक सूत्र यही है कि स्त्री यह चाय कर ले कि उन्हें ऐसा नहीं बनना है आंसर दीजिए दुनिया की आधी से अधिक ताकत स्त्रियों के किस प्रकार है पुरुष स्त्री की गोद में होता है वहीं से अपनी यात्रा आरंभ करता है वाक्य का आशय है स्त्री की कौन सी शक्ति सोई पड़ी है यदि स्त्री शक्ति जागृत हो गई तो लेखक उसे क्या क्या अपेक्षाएं करते हैं तथा दया शब्द से विशेषण बनाएं
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nsiiaia ok zm. s no Ok KISI KB SSIKA..mksoskapl as kd in
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es anuschek Ka uchit sirshak dijiye
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