Hindi, asked by armaan532008sagwal, 19 days ago

'मुस्कुराहट का कोष लुटाने वालों के दोनों हाथों में लड्डू होते हैं' स्पष्ट कीजिए ​

Answers

Answered by sravyadegala1018
3

Answer:

कपट, स्वार्थ, गुरुता और हीनता की भावना से ग्रस्त कुटिलतापूर्ण मुस्कुराहट बनावटी होती है जो बातचीत की रोचकता को समाप्त कर देती है। मुस्कुराहट का अक्षय कोष लुटाने वाले गरीब नहीं होते। उनके तो दोनों हाथों में लड्डू होते हैं - जाता कुछ नहीं, मिलता बहुत कुछ है।

Answered by jaiveersingh70
1

कपट, स्वार्थ, गुरुता और हीनता की भावना से ग्रस्त कुटिलतापूर्ण मुस्कुराहट बनावटी होती है जो बातचीत की रोचकता को समाप्त कर देती है। मुस्कुराहट का अक्षय कोष लुटाने वाले गरीब नहीं होते। उनके तो दोनों हाथों में लड्डू होते हैं - जाता कुछ नहीं, मिलता बहुत कुछ है।

Similar questions