मुस्लिम लीग ने मुसलमानों के लिए स्वतंत्र राज्य की मांग क्यों की
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Answer:
1930 में मुस्लिम लीग के इलाहाबाद अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए महान उर्दू कवि इकबाल ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत का संगठित मुस्लिम राज्य के रुप में निर्माण ही मुझे मुसलमानों की अंतिम नियति प्रतीत होती है
उर्दू कवि इकबाल को पाकिस्तान के विचार का जनक कहा जाता है
लेकिन इकबाल के भाषण के संदर्भ से स्पष्ट है कि इस महान उर्दू कवि और देशभक्त का सपना देश को विभाजित करने का नहीं था
बल्कि पश्चिमोत्तर भारत के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों का पुनर्गठन करके उसे एक ढीले-ढाले भारतीय संघ में एक स्वायत्त इकाई बनाना था
Explanation:
पृथक पाकिस्तान राज्य की पहली बार मांग
22-23 मार्च 1940 को मुस्लिम लीग का अधिवेशन लाहौर में हुआ था इसकी अध्यक्षता मोहम्मद अली जिन्ना ने की थी
इस अधिवेशन में भारत से अलग एक मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान की मांग की गई थी
लाहौर अधिवेशन(1940)में पहली बार पृथक पाकिस्तान राज्य के निर्माण का प्रस्ताव पारित किया गया
मोहम्मद अली जिन्ना ने अधिवेशन में भाषण देते हुए कहा कि वह एक अलग मुस्लिम राष्ट्र के अतिरिक्त और कुछ स्वीकार नहीं करेंगे
वह अंत तक अपने निर्णय पर अटल रहेंगे जब तक कि पाकिस्तान के निर्माण की मांग को पूर्णता स्वीकार नहीं कर लिया जाएगा
23 मार्च 1940 के प्रसिद्ध प्रस्ताव का प्रारूप सिकंदर हयात खान ने बनाया था और उसे फजलुल हक ने प्रस्तुत किया था
खलीकुज्जमॉ ने पृथक पाकिस्तान प्रस्ताव का समर्थन किया था
लेकिन प्रस्ताव में पाकिस्तान शब्द का जिक्र नहीं था
मोहम्मद अली जिन्ना ने द्विराष्ट्र सिद्धांत का प्रतिपादन किया था